श्रुतम्

कुयिली-1

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 10

मानव बम…! यह शब्द सुनते ही आतंकवाद, भयंकर विस्फोट और उससे चारों ओर मचने वाली तबाही और जानमाल की क्षति का दृश्य आँखों के सामने आ जाता है। परंतु यहाँ हम आतंकवाद और उसके द्वारा मचाई गई तबाही के बारे में बात करने वाले नहीं हैं।

हम बात करेंगे एक ऐसी वीरांगना की जिसने ‘अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए स्वयं को एक मानव बम बना लिया।’ उसने ऐसा करके अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध में रानी वेलु नचियार की सहायता की, और उसके ऐसा करने के परिणामस्वरूप ही रानी वेलु नचियार युद्ध में अंग्रेजों के विरुद्ध विजय प्राप्त कर पायीं।

यह दुख का विषय है कि हम इस बहादुर वीरांगना के बारे में बहुत ही कम जानते हैं। ये वीरांगना थीं तमिलनाडु की कुयिली!

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