श्रुतम्

रानी चेन्नम्मा-2

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 9

रानी चेन्नम्मा-2
रानी चेन्नम्मा का विवाह 

सोमशेखर नायक सन् 1664 में केलाड़ी के राजा बने। तत्समय केलाड़ी सम्राज्य वर्तमान गोवा से मालाबार तक समुद्र तट के किनारे फैला हुआ था।
राजा सोमशेखर नायक एक वीर, बुद्धिमान और न्यायप्रिय राजा थे। उनके विवाह के लिए कई राज्यों से प्रस्ताव आते रहते थे। परंतु सोमशेखर नायक उनमें से किसी से पूर्णतया संतुष्ट नहीं थे।

उधर चेन्नम्मा एक साधारण व्यापारी परिवार की पुत्री थी। उनका घर कुंडापुर, कर्नाटक में था। वह बहुत धार्मिक, सुशील और सुंदर युवती थीं। चेन्नम्मा महादेव की परम भक्त थीं। उनके पिता सिद्धप्पा शेट्टी एक व्यापारी थे।

एक बार रामेश्वर मंदिर पर लगे एक मेले में राजा सोमशेखर नायक की दृष्टि चेन्नम्मा पर पड़ी। राजा को उनमें रानी बनने के सर्वगुण दिखाई दिए और उन्होंने अपने विवाह के लिए चेन्नम्मा को चुन लिया। यद्यपि उनके मंत्रियों ने यह कहकर उन्हें मना किया कि चेन्नम्मा किसी राजवंश परिवार से नहीं हैं, परंतु राजा ने एक न सुनी।
चेन्नम्मा के पिता सिद्धप्पा शेट्टी इस विवाह प्रस्ताव से बहुत प्रसन्न हुए और सन् 1667 में केलाड़ी राज्य की राजधानी बिदानूर में राजा के महल में यह विवाह संपन्न हुआ।

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video