श्रुतम्

भारत को रक्तरंजित करने का षड्यंत्र-22

विध्वंसक चौकड़ी के निशाने पर आदिवासी (वनवासी)-5

‘एवान्जेलिक्ल्स (Avanjelicks) एवं अन्य मिशनरी सोसाइटियों ने ब्रिटिश सरकार की नीति बदलवाने के लिए संयुक्त प्रयास आरम्भ किए। यह माँग की गई, कि भारत में सामाजिक और कानूनी सुधारों की शुरुआत की जाए।’
‘मार्च, 1835 में लॉर्ड विलियम बेंटिक (भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल) ने मुख्य रूप से यूरोपीय साहित्य और विज्ञान को बढ़ावा देने और अंग्रेजी शिक्षा के लिए धन का उपयोग करने का संकल्प पत्र जारी किया।’

‘भारतीय साहित्य और प्राचीन भारतीय रचनाओं के अध्ययन को अनावश्यक माना गया। इस विषय में उनकी राय यही थी, कि इस प्रकार का साहित्य संबंधित विषय में गंभीर प्रकार की कमियाँ उत्पन्न कर देगा।’
इसके साथ ही *भारत के स्थानीय लोगों की धार्मिक मान्यताओं और रीति रिवाज को भी मिशनरी शिक्षकों एवं इंग्लैंड में बैठी इनकी सोसाइटियों ने निम्न स्तरीय और निर्रथक बताया।
‘इनके अनुसार मात्र एक ही उपचार था और वह था अंग्रेजी शिक्षा को क्रियान्वित करना।’

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