आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा-17
जब अंग्रेज भारत को छोड़कर गए, देश में साक्षरता मात्र 12 प्रतिशत थी। सन् 1901 में ये 10 प्रतिशत थी। जबकि 400 वर्ष पूर्व भारत के प्रत्येक गाँव में विद्यालय था। अंग्रेजों ने हमारी संस्कृति की जड़ें खोदने के प्रयासों से शिक्षा व्यवस्था का सर्वनाश करके रख दिया।
आजादी के पश्चात पुनरपि शिक्षा का प्रसार बढ़ा। सन् 2020 में भारत में 82 प्रतिशत साक्षरता थी। वर्तमान समय में यह लगभग 90 प्रतिशत तक है। यह हमारे लिए सौभाग्य और गर्व की बात है। भारत अपनी शक्ति के बल पर खड़ा हो रहा है।
अंग्रेजों के भारत से जाते समय यहाँ केवल 19 विश्वविद्यालय थे। आज यह संख्या बढ़कर 935 हो गई है। महाविद्यालयों की संख्या भी 40 हजार से अधिक है।
शिक्षा पर प्रत्येक व्यक्ति का हक होना चाहिए, शिक्षा उसका लक्ष्य भी होना चाहिए। हम भी चाहते हैं कि भारत का प्रत्येक व्यक्ति योग्यतम शिक्षा प्राप्त कर साक्षर हो। शिक्षा के साथ वह गुणों और सुसंस्कारों से भी संपन्न हो। इसी उद्देश्य के दृष्टिगत देश में नवीन शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। जिसके भविष्य में अच्छे परिणाम आएंगे।
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