महान योद्धा महाराणा प्रताप जयंती “ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया”
महान योद्धा महाराणा प्रताप जयंती “ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया” महाराणा प्रताप का जन्म भारतीय पंचांग के हिसाब से ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग
महान योद्धा महाराणा प्रताप जयंती “ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया” महाराणा प्रताप का जन्म भारतीय पंचांग के हिसाब से ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग
दिवेर युद्ध में महाराणा प्रताप की निर्णायक विजय भामाशाह का सहयोग प्राप्त कर,राणा ने सैनिक शक्ति बढ़ाई।नजदीकी थानों पर अधिकार कर,फिर आगे की
अमर बलिदानी मुरारबाजी “22 मई/बलिदान-दिवस” पांच जनवरी, 1665 को सूर्यग्रहण के अवसर पर शिवाजी महाराज ने माता जीजाबाई के साथ महाबलेश्वर मन्दिर में
समाज सुधारक राजा राममोहन राय “22 मई/जन्म-दिवस” हिन्दू समाज में सीता, सावित्री, अनसूया आदि सती-साध्वी स्त्रियों की सदा से पूजा होती रही है।
सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 17 मात्र 19 वर्ष की आयु में शहीद हो गए थे, जिन्हें
प्रेरणा स्तम्भ राजाभाऊ सावरगांवकर “21 मई/जन्म-दिवस” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और झारखंड प्रान्त के कार्यकर्ताओं के प्रेरणा स्तम्भ राजाभाऊ का जन्म
जीवन दीप जलाने वाले गिरिराज प्रसाद जी “21 मई/पुण्य-तिथि” संघ के कार्यक्रमों में गीत और कविताओं का विशेष महत्व रहता है। उत्तर प्रदेश
हर वर्ष की भांति इस बार भी सेवा भारती अजमेर द्वारा इस वर्ष चतुर्थ सर्व जातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन पुष्कर,अजमेर में आयोजित किया
सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 17 मात्र 19 वर्ष की आयु में शहीद हो गए थे, जिन्हें
18 मई को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग भीलवाड़ा के आदर्श विद्या मंदिर शास्त्री नगर में प्रारंभ हुआ। उद्घाटन