Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog श्रुतम् विकसित भारत 2047 की संकल्पना-14
श्रुतम्

विकसित भारत 2047 की संकल्पना-14

विकसित भारत 2047 की संकल्पना-14

अपना रक्षा तंत्र

भारत आर्थिक रूप से तो 1500 ई. तक भी एक बड़ी शक्ति रहा है, किंतु तीसरी-चौथी शताब्दी के समय से हमने सुरक्षा बलों की सुदृढ़ता और रक्षा तंत्र पर ध्यान देना अपेक्षाकृत कम कर दिया। संभवतः तत्समय बौद्ध मत का प्रभाव था।
उसका परिणाम यह हुआ कि सातवीं- आठवीं शताब्दी आते-आते जब देश पर विदेशी आक्रांताओं के हमले हुए तो हम उसे रोकने में पर्याप्त सफल नहीं हो सके। परिणामतः लगातार एक हज़ार वर्ष विदेशी आक्रांताओं की दासता तथा उनसे संघर्षों का समय भारत को देखना पड़ा।

इसलिए, इतिहास की चूकों से सबक लेते हुए भारत को अपने रक्षा तंत्र को न केवल अत्यधिक सुदृढ़ बनाना होगा, अपितु वह नवीनतम तकनीक से युक्त और वर्तमान की युद्ध परिस्थितियों के अनुकूल भी होना चाहिए।
लेकिन उसकी संपूर्ण तैयारी, स्वदेशी तंत्र से ही होनी चाहिए। संपूर्ण स्वदेशी निर्मित आयुध तंत्र व आधुनिक तकनीकी युक्त भारत ही न केवल पूरी तरह से सुरक्षित हो पाएगा, बल्कि वह विश्व को भी प्रेरणा देने में एक सफल, सक्षम राष्ट्र के रूप में अपने आप को स्थापित कर पाएगा।
आज हम स्वदेशी निर्मित आयुध तंत्र और तकनीकी में तेजी से स्वावलंबन की ओर बढ़ रहे हैं। इस सबके पीछे देश के दूरदर्शी कुशल नेतृत्त्व और जाग्रत समाज के प्रतिसाद का नैतिक सम्बल है। यह बनाए रखना होगा।

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