विकसित भारत 2047 की संकल्पना-15
विज्ञान एवं तकनीकी में भारत
हमें ज्ञान और विज्ञान की नवीन ऊंचाइयों को छूना होगा। स्वाभाविक है एक हज़ार वर्ष के संघर्ष काल में हम विज्ञान व शोध की नवीन प्रक्रियाओं पर अधिक ध्यान नहीं दे पाए, और इसी समय 16वीं-17वीं शताब्दी में यूरोप और अमेरिका का उदय हुआ।
उन्होंने विज्ञान एवं तकनीक में बहुत प्रगति की, और उसी का परिणाम है कि वह बड़ी आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ गए। आज के यूरोप और अमेरिका यदि समृद्धि की ऊंचाइयों को छू रहे हैं तो उसका एक बड़ा कारण है, उनका विज्ञान एवं तकनीक के मामले में पारंगत होना।
भारत को अपनी संप्रभुता की सुरक्षा की दृष्टि से इस विषय में स्वाभाविक रूप से आगे होना चाहिए। किसी भी देश को जो विश्व पटल का एक अग्रणी देश बनना चाहता है, उसे शिक्षा एवं अनुसंधान में सर्वोच्च भूमिका में आना अपरिहार्य होता है।
यह सब देश के कुशल दूरदर्शी नेतृत्व और उसके समाज की संगठित शक्ति- सामर्थ्य पर बहुत कुछ निर्भर करता है।
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