श्रुतम्

विकसित भारत 2047 की संकल्पना-17

विकसित भारत 2047 की संकल्पना-17

हमारे जीवन मूल्य-2

स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व व उसके पश्चात के हमारे सामाजिक, आर्थिक व धार्मिक नेताओं ने हमें भारत को कैसे आगे बढ़ाना, इस विषय में अनेक अवसरों पर दिशा प्रदान की है। एक समग्र विकसित भारत की दिशा का दिग्दर्शन कराने वाले स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद घोष, महात्मा गांधी, गुरु गोलवलकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जैसे अनेक शीर्ष नेता रहे हैं, जिन्होंने इस दृष्टि से हमें उत्कृष्ट व्यवहारिक मार्गदर्शन दिया है- कि भारत को किस दिशा में और कैसे लेकर आगे जाना चाहिए।

यह भारत-2047 के पांच स्तंभ इसी दिशा में एक बढ़ता चरण है। इसे प्राप्त करने के लिए एक व्यापक जनजागरण अभियान चाहिए। सरकार की नीतियां जनता की जागृति के स्तर के अनुरूप ही बनती, बिगड़ती है। इसलिए समाज में जागरूकता का प्रचण्ड स्तर खड़ा करने के लिए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, व सिविल सोसाइटी संगठनों को व्यापक प्रयत्न करने ही होंगे।
सामान्य जन का यह व्यापक जन जागरण ही सरकार की नीति निर्धारण का निर्णायक तत्व बनेगा, और इससे ही उदय होगा वर्ष- 2047 का विकसित एवं श्रेष्ठ भारत !

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