वी. टी. राजशेखर शेट्टी और उसकी भारत विरोधी योजना-6
अपने एजेंडा को विस्तार देते हुए वह आगे कहता है:–
- “अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को हिंदू मात्र इसलिए कहा गया है, कि हिंदू जनसँख्या को 85 प्रतिशत गिनाया जा सके।”
(जबकि ये सब जातियां हिन्दु समाज का ही अभिन्न अंग हैं) - इस प्रकार उन्होंने (हिन्दुओं ने) अपने विदेशी आर्य धर्म को एक बहुसंख्यक धर्म में परिवर्तित कर लिया है।
(जबकि हिन्दू/ आर्य अनादिकाल से भारत के मूल हैं, राष्ट्रीय समाज है) - अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग पर हिंदू होने का ठप्पा अनजाने में या बलपूर्वक लगाया गया है।
(जबकि हिन्दु समाज में जाति/ वर्ण व्यवस्था विशुद्ध रूप से कर्म आधारित रही है। ये सनातन समाज के ही अंतरंग अंग हैं।)
तो फिर सच क्या है?
- भारत के मुसलमान अरब, तुर्की या ईरान से नहीं आए हैं। भारत के ईसाई रोम या लंदन से नहीं आए हैं।
(इन सबके पूर्वज हिन्दु ही थे।)
• इस्लाम, ईसाइयत और सिक्खों में धर्मांतरित होने वाले 90 प्रतिशत लोग मूल निवासी (अछूत) हैं, जिन्हें आज आधिकारिक रूप से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग कहा जाता है। - बांग्लादेश के 95 प्रतिशत मुस्लिम अछूत धर्मांतरित हैं। बिहार में ऐसा है; केरल में भी ऐसा है। लगभग समूचे देश में ऐसा है। पाकिस्तान में ईसाई असल में अछूत हैं; जिन्होंने धर्म बदला है।”