वी. टी. राजशेखर शेट्टी और उसकी भारत विरोधी योजना-7
शेट्टी की हिंदू शक्तियों के विरुद्ध गठजोड़ की अपील…
हम सब रक्त-सम्बन्धी हैं:
“चर्च का नेतृत्व इस बात को स्वीकार करता है, कि भारत में 95 प्रतिशत ईसाई अनुसूचित जाति, जनजाति या पिछड़ा वर्ग से हैं। इसका अर्थ यह हुआ, कि अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग एवं मुस्लिम, ईसाई और सिख, सभी भाई-बहन हैं। जब रक्त-संबंध है; तो क्या ये उचित है; कि उन्हें धर्म के आधार पर बाँटा जाए और कृत्रिम अवरोधक उत्पन्न किये जाएँ।”
“संवैधानिक आवश्यकता के लिए उन्हें अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग कहा जा सकता है; परन्तु, इन सबकी रगों में दौड़ने वाला खून आर्य-पूर्व के समय का द्रविड़ रक्त है।”
आगे वह लिखता है–
• क्या इस प्रकार का कृत्रिम विभाजन इस देश के मूल निवासियों के बीच अलगाव उत्पन्न नहीं करता है?
• क्या हम आर्य शासकों द्वारा अपनी सुविधा के लिए बनाए गए इस कृत्रिम विभाजन को स्वीकार कर सकते हैं?
• क्या हम इसी प्रकार बंटे रहेंगे और आर्यों के बाँटो और राज करो के खेल का भाग बने रहेंगे?”