Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog श्रुतम् भारत को रक्तरंजित करने का षड्यंत्र-46
श्रुतम्

भारत को रक्तरंजित करने का षड्यंत्र-46

जिहादी रक्तबीज, हर बूँद से नया रूप-8

एंग्लो-मुस्लिम गठजोड़ (Anglo-Muslim Alliance)

‘अनुशीलन समिति’ जैसे क्रांतिकारी संगठन बंगाल की राष्ट्रवादी जनता के बीच भरपूर समर्थन पा रहे थे। ऐसे संगठन अंग्रेजों के लिए दुःस्वपन बन चुके थे।
इस पूरे षड्यंत्र के सूत्रधार लॉर्ड कर्जन ने ढाका, चिटगांव और मैमनसिंह संभागों में कई जनसभाओं में भाग लिया। इन सभाओं में कर्जन ने शातिर तरीके से बंगाल विभाजन पर मुख्यतः मुस्लिम श्रोताओं को लुभाने वाली बातें की थीं।

बंगाल विभाजन का उद्देश्य बंगाल के प्रशासन को राहत देना नहीं था। इसका उद्देश्य इस्लामिक बहुतायत वाले एक मुस्लिम सूबे का निर्माण था। इसी सोच के चलते उसने ढाका के बाकी संभागों को भी इसमें सम्मिलित करने का फैसला किया।
कर्जन की बंगाल के विभाजन की योजना को अंजाम देने में सहयोगार्थ अंग्रेज सरकार ने ढाका के नवाब को ईनाम के तौर पर एक लाख पाउंड का कर्ज नगण्य ब्याज पर दिया।

ढाका के नवाब सलीमुल्लाह, ‘अलीगढ़ मुस्लिम कालेज’ के मुस्लिम अभिजात्यों के मुख्य संरक्षकों में से थे। बाद के दौर में, भारत के विभाजन की रचनाकार मुस्लिम लीग की स्थापना में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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