सबके राम-27 रामतत्त्व के शक्ति पुंज”
रामायण में ‘त्रिजटा’ राक्षसी भी है, जो रामभक्ति के फल को जानती है। भक्ति की शक्ति से वह पहले से ही देख लेती है कि एक वानर द्वारा लंका को जलाया जाएगा, और राम की सेना रावण का संहार करेगी।
त्रिजटा नाम राच्छसी एका।
राम चरन रति निपुन बिबेका॥
सबन्हौ बोलि सुनाएसि सपना।
सीतहि सेइ करहु हित अपना॥
सपनें बानर लंका जारी।
जातुधान सेना सब मारी॥
खर आरूढ़ नगन दससीसा।
मुंडित सिर खंडित भुज बीसा॥