Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog समाचार उदयपुर पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य –  बामनिया
उदयपुर पर्यावरण समाचार

पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य –  बामनिया

पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य –  बामनिया

– पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के अंतर्गत सघन वन पौधारोपण कार्यक्रम

– पर्यावरण प्रेमियों ने गंदगी से अटे पड़े स्थान को बनाया सघन वन

– क्षेत्र वासियों ने 51 पौधे रोपे, जन सहयोग से जाली भी लगाई

उदयपुर । पर्यावरण यानि परि+ आवरण। हमारे चारों ओर जो आवरण है, उस आवरण को शुद्ध करना व ठीक करना, यह हमारा नैतिक दायित्व है, हमारी जिम्मेदारी है। सघन वन की थीम पर जो आज पहल हुई है, इसे हमें अभियान के रूप में लेना चाहिए। अंधाधुकरण और पाश्चात्य संस्कृति की दौड़ में हम अपनी विरासत और संस्कृति को छोड़ने जा रहे हैं ऐसे में हमारा परम कर्तव्य है कि हमारा पर्यावरण बचा रहे और उसे बचाने की जिम्मेदारी हम सब की है। 

उदयपुर सीएमएचओ डॉक्टर शंकर लाल बामनिया ने यह विचार रविवार को पर्यावरण संरक्षण गतिविधि उदयपुर महानगर और परमार्थ मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से नेला तालाब किनारे आयोजित सघन वन पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किये। 

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि उदयपुर महानगर के संयोजक मनीष मेघवाल एवं सघन वन पौधारोपण कार्यक्रम संयोजक उदित चोबीसा ने बताया कि नेला तालाब सेक्टर 14 के किनारे पंडित देव शंकर चौबीसा के पुरोहित्व मे पूजन कार्यक्रम हुआ ।भूमि एवं वृक्ष का पूजन कर मुख्य अतिथि के हाथों पहला पौधा रोपण किया गया। तत्पश्चात पौधारोपण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक कार्तिकय नागर ने कहा कि आज 27 अगस्त वही दिवस है, जिस दिन जोधपुर के समीप खेजड़ली गांव में वृक्ष रक्षक अमृता देवी एवं उसकी तीन पुत्री  ने वृक्ष को बचाने के लिए वृक्ष से चिपक कर अपना बलिदान दे दिया। घटनाक्रम के अनुसार जोधपुर से 20 किलोमीटर दूर खेजड़ली गांव स्थित है, जहां बिश्नोई संप्रदाय के लोग रहते हैं। जोधपुर के राजा अभय सिंह के दुर्ग का विस्तार करने के लिए बड़ी मात्रा मे लकड़ी की आवश्यकता पड़ी। राजा के निर्देश पर गिरधर भंडारी के नेतृत्व में लकड़ी काटने सैनिकों की टुकड़ी खेजड़ली गांव में पहुंची। यहां के लोग वन, वृक्ष व जीव रक्षा को अपना कर्तव्य समझते थे । उन्होंने खेजड़ी पेड़ों को काटने का विरोध किया, जब सैनिकों ने पेड़ काटना बंद नहीं किया तो यहाँ के महिला पुरुष वृक्षों से लिपट गए। इसमें सबसे पहले अमृता देवी और उनकी तीन पुत्रियां पेड़ों से लिपट गई ।सैनिकों ने पेड़ों के साथ इनको भी काट दिया, इनके बलिदान की खबर मिलते ही पूरा गांव एकत्र हो गया और सभी महिला पुरुष पेड़ों से लिपट गए। सैनिकों ने शक्ति प्रदर्शन कर 363 जनो का कत्ल कर दिया। विश्व के इतिहास में पर्यावरण की रक्षा के लिए यह अनुपम घटना घटित हुई थी। धन्य है बलिदानी जिन्होंने “सिर साटे रूख वचे, तो भी सस्तो जाण” को चरितार्थ किया।

सघन वन पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण प्रेमियों एवं नेला तालाब के पास की कॉलोनी में रहने वाले नागरिकों ने बड़े उत्साह और उमंग के साथ पौधों का रोपण किया। इस दौरान मीठा नीम , अर्जुन, अशोक, गुलमोहर, करंज, कीकर, नीम,केसिया सम, शहतूत, अमलतास, बास, आंवला, जामुन, सीताफल, इमली, आम, रातरानी,,गुड़हल के कुल 51 पौधों का रोपण किया गया। महिलाओ और बच्चों ने भी पौधे रोककर उनका संरक्षण करने की जिम्मेदारी ली। 

विशेष बात यह रही कि पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान पौधों की  सुरक्षा करने के लिए हाथों हाथ सभी ने आर्थिक सहयोग किया जिसके चलते कुछ समय बाद ही वहां पर जाली लगा दी गई।

नेला तालाब किनारे जहाँ पर पौधारोपण किया गया वह स्थान गत 20 अगस्त 2023 को गंदगी से हटा हुआ था पर्यावरण प्रेमियों ने उसे गंदे स्थान को साफ सुथरा किया और 7 दिन में ही इतना सुंदर सघन वन बना दिया। इस अवसर पर राजेंद्र जैन, प्रकाश सोमपुरा, जयंत पालीवाल, महेश सिसोदिया, हरिशंकर तिवारी, अरुण निगम, कृष्ण कुमार त्रिवेदी, गोवर्धन लाल वीरवाल, देवेंद्र माथुर, हंसिका जैन, विनोद यादव, नाहर सिंह तंवर, गणपत लोहार सहित अन्य उपस्थित थे ।

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