Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog श्रुतम् ककातिया और कपाया नायक-4
श्रुतम्

ककातिया और कपाया नायक-4

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा-24

*तेलुगु सरदार जिन्होंने वारंगल को दिल्ली सल्तनत के कब्जे से मुक्त कराया…।

कपाया नायक मात्र गोदावरी क्षेत्र से ही संतुष्ट नहीं थे। वे चाहते थे कि संपूर्ण वारंगल से मुस्लिम आततायी आक्रमणकारियों को बाहर निकाल दिया जाए। उन्होंने सारे नायकों के साथ मिलकर एक गठबंधन बनाया।

इस गठबंधन ने अपना नेता कपाया नायक को ही चुना। अब कपाया नायक संपूर्ण क्षेत्र को मुस्लिम आक्रमणकारियों से स्वतंत्र कराने की योजना बनाने में जुट गए। एक सम्मिलित सेना के साथ सुल्तान के विरुद्ध विद्रोह घोषित कर दिया गया। सुल्तान के अत्याचारों से त्रस्त किसान और आम जनता ने इस मुहिम में इनका भरपूर साथ दिया।
तुगलक फौजों और कपाया नायक की सेनाओं के बीच कई युद्ध लड़े गए। आखिर सन् 1336 ई में कपाया नायक मलिक मकबूल को पराजित करने में सफल हो गए।

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