Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog श्रुतम् कान्होजी आंग्रे-3
श्रुतम्

कान्होजी आंग्रे-3

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा-21

मराठा नौसेनाध्यक्ष जिन्हें युरोपीय नौसैनिक शक्तियां कभी हरा नहीं पाईं…

कान्होजी आंग्रे का जन्म सन् 1669 में अंबाबाई और तुकोजी के घर में पुणे से 6 मील दूर अंगारवाड़ी नामक गाँव में हुआ था।
उनके पिता तुकोजी छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना में थे। वह मुंबई और गोवा के बीच अरब सागर में एक द्वीप पर निर्मित सुवर्णदुर्ग नामक एक किले और निगरानी चौकी पर काम करते थे। उनकी जिम्मेदारी आसपास की 200 निगरानी चौकियों को संभालने की थी।

कान्होजी आंग्रे का बचपन भी सुवर्णदुर्ग पर ही बीता और उन्होंने अपने पिता के साथ कई साहसिक मुहिमों में भी भाग लिया। उनका बचपन मराठा नौसैनिकों के साहसिक अभियानों और खुले समुद्र में उनकी विजयों को देखते हुए बीता। और यही उनका वह अद्भुत प्रशिक्षण था, जिसने आगे चलकर उन्हें समुद्र का अधिपति बनाया।

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