Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog श्रुतम् कान्होजी आंग्रे-4
श्रुतम्

कान्होजी आंग्रे-4

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा-21

मराठा नौसेनाध्यक्ष जिन्हें युरोपीय नौसैनिक शक्तियां कभी हरा नहीं पाईं…

छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद मराठा नौसेना भी कमजोर पड़ गई थी। उनके पुत्र संभाजी ने मराठा नौसेना को फिर से ताकत देने के लिए सिद्धोजी गुर्जर को नौसेनाध्यक्ष या सरखेल बनाया। उन्होंने मराठा नौसेना को एक बार पुनः मजबूती से खड़ा किया। संभाजी की मृत्यु सन् 1690 में हो गई।

उधर सिद्धोजी गुर्जर के पश्चात् एक बार फिर मराठा नौसेना डाँवाडोल स्थिति में आ गई।
इस समय तक कान्होजी आंग्रे ने स्वतंत्र रूप से विदेशी और मुगल व्यापारिक जहाजों पर ‘छापे मारना और उन्हें लूटना’ आरम्भ कर दिया था।
उनके साहस और उनकी ऐसी साहसिक गतिविधियों को देखते हुए सातारा दरबार ने सन् 1698 में उन्हें सरखेल या एडमिरल बना दिया। उसके पश्चात् उनकी इन गतिविधियों में और तेजी आ गई।

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