Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog श्रुतम् करतार सिंह सराभा-2
श्रुतम्

करतार सिंह सराभा-2

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 17

मात्र 19 वर्ष की आयु में शहीद हो गए थे, जिन्हें सरदार भगत सिंह अपना गुरु मानते थे…।

12 अप्रैल,1913 को अमेरिका और कनाडा में कार्य करने वाले भारतीयों ने, जिनमें सिक्ख काफी बड़ी संख्या में थे, गदर पार्टी की स्थापना की।
सोहन सिंह भावना और हरदयाल गदर पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से थे। गदर पार्टी का घोषित लक्ष्य भारत की स्वतंत्रता था। इसका मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में था।

करतार सिंह सराभा उन दिनों बर्कले के नालंदा क्लब में भारतीय छात्रों से मिलते रहते थे। वहीं बातों-बातों में उन्हें गदर पार्टी के बारे में पता लगा। देशभक्त करतार सिंह को मानो अपने जीवन का लक्ष्य मिल गया। उन्होंने सोहन सिंह से भेंट की जिन्होंने उन्हें गदर पार्टी का सदस्य बनने की प्रेरणा दी।
सोहन सिंह अमृतसर जिले के भाकना गाँव के रहने वाले थे। करतार सिंह सराभा तुरंत गदर पार्टी के सदस्य बन गए।

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