Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog श्रुतम् करतार सिंह सराभा-8
श्रुतम्

करतार सिंह सराभा-8

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 17

मात्र 19 वर्ष की आयु में शहीद हो गए थे, जिन्हें सरदार भगत सिंह अपना गुरु मानते थे…।

करतार सिंह सराभा बहुत अच्छे देशभक्त कवि भी थे। जब उन्हें फाँसी के लिए ले जाया जा रहा था तो उस समय भी वह देश के लिए लिखी अपनी एक पंजाबी कविता गा रहे थे जिसके बोल थे:–

सेवा देश दी जिंदड़िये बड़ी ओखी,
गल्ला करनियां ढेर सोखियां ने।
जिना देश दी सेवा विच पैर पाया,
ओना लख मुसीबत झेलियां ने…।।

हिंदी में इन पंक्तियों का अर्थ है:–
“मातृभूमि की सेवा करना बहुत कठिन है, जबकि बड़ी-बड़ी बातें करना बहुत आसान है। और जिन लोगों ने देश की सेवा करने की राह पर कदम रखे हैं, उन्हें लाख मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं..।”

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