उदयपुर घुमन्तु समाचार

घुमंतू समाज :कल,आज और कल विषयक संगोष्ठी का उदयपुर में आयोजन

घुमंतू समाज : कल,आज और कल विषयक संगोष्ठी का उदयपुर में आयोजन

भारतीय संस्कृति अभ्युत्थान न्यास के उदियापोल स्थित कार्यालय “केशव निकुंज” में आयोजित संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें के मुख्य वक्ता अखिल भारतीय घुमंतू कार्य प्रमुख श्रीमान दुर्गादास जी रहे, वही समाजसेवी व न्यास के अध्यक्ष श्रीमान हेमेंद्र जी श्रीमाली मंचासीन रहें।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता श्रीमान दुर्गादास जी ने घुमंतू समाज के ऐतिहासिक संदर्भों पर प्रकाश डालते हुए घुमंतू समाज की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और मुगल काल और अंग्रेजी शासन के विरुद्ध संघर्ष में घुमंतू समाज के उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पंजाब के वीर योद्धा लक्खी शाह बंजारा ने सिक्खों के नवें धर्मगुरु तेग बहादुर के पार्थिव शरीर को मुगलों से छुड़ा कर अपने घर में जला कर अंतिम संस्कार किया था। आज के अधिकांश राजमार्ग वो ही है जो प्राचीन काल में व्यापार करने वाले बंजारों समुदाय के व्यापार का मुख्य मार्ग हुआ करते थे

श्रीमान दुर्गादास जी ने उपस्थित प्रबुद्ध जन को संबोधित करते हुए बताया कि घुमंतू समाज देश कुल आबादी में 15 करोड़ की संख्या में है जो भारत के कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी राज्यों में फैला है। इनमे 5 करोड अभी भी अति अभाव में जीवन जी रहे हैं। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी के अभाव में यह अभी भी अत्यंत ही गरीबी की अवस्था में जीवन यापन कर रहे हैं।
श्रीमान दुर्गादास जी ने आह्वान किया कि समाज के अभावग्रस्त बंधुओं को मुख्यधारा में लाने के लिए सभी सक्षम बंधुओं को अपना योगदान देना चाहिए।

प्रांत सह घुमंतू कार्य पुष्कर जी लोहार ने बताया कि घुमंतू समाज के बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहे शिक्षित हो समाज के अच्छे नागरिक बने इसी उद्देश्य को ध्यान में रख न्यास द्वारा बदनौर की हवेली में एक छात्रावास प्रारंभ किया गया है जहां पर वर्तमान में 5 घुमंतू जातियों के 21 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में न्यास के सचिव पंकज जी पालीवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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