जनजाति इतिहास को याद करें, उनसे सीखें और देश के विकास में योगदान दें: राज्य मंत्री रेणुका
वागड़ वृत्तचित्र और जनजाति गौरव पुस्तक का लोकार्पण समारोह संपन्न
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर में हुआ आयोजन
उदयपुर। वागड़ अंचल की गौरवशाली जनजाति संस्कृति पर निर्मित वृत्तचित्र एवं जनजाति वीर नायक नायिकाओं की गौरव गाथा पुस्तक का लोकार्पण मंगलवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर में आयोजित समारोह में किया गया। रुसा 2.0 रिसर्च प्रोजेक्ट मुख्य अन्वेषक और समारोह संयोजक प्रो. सीमा मलिक (पूर्व अधिष्ठाता मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर)ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रोजेक्ट के तहत शोध “वागड़ क्षेत्र का लोक साहित्य: मौखिक परंपराओं की मैपिंग” की उपादेयता से अवगत कराया। साथ ही बताया कि जनजाति वीर नायक नायिकाओं की गौरव गाथा पुस्तक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली और अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा तैयार की गई। इसमें जनजाति नायक नायिकाओं के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को रेखांकित किया गया है।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय जनजाति मामलात राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता शामिल हुईं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देश की आजादी में जनजाति समाज की भूमिका और उनके द्वारा किए गए आंदोलन से अवगत कराया। अंग्रेज राज में हुए अत्याचार से संघर्ष करते हुए नए भारत निर्माण में जनजाति नायकों द्वारा किए योगदान से भी अवगत कराया। उन्होंने इतिहास को याद कर नई सीख से देश को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने प्राकृतिक संप्रदा को सुरक्षित रखने का आह्वान किया।उन्होंने पीएम मोदी के कार्य योजना और युवाओं के लिए किए जा रहे कार्यों को भी महत्त्वपूर्ण बताया। इस दौरान उन्होंने जनजाति मंत्त्रालय के कार्यों की भी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने विकास में शिक्षा के योगदान से भी अवगत कराया।

स्वतंत्रता में व्यप्त स्व को समझना होगा
समारोह के विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय नगरीय संपर्क प्रमुख वनवासी कल्याण आश्रम नई दिल्ली भगवान सहाय रहे। श्री सहाय ने कहा कि हमें स्वराज्य ओर स्वतंत्रता में व्यप्त स्व को समझना होगा। उन्होंने ब्रिटिश राज के समय किए गए संघर्ष और बलिदान से भी अवगत किया। इस दौरान उन्होंने इतिहास में 1857 से पूर्व हुई क्रांति में जनजाति के बारे में बताया।छत्तीसगढ़ के जनजाति वीर तिलका मांझी और बिरसा मुंडा के साहस के बारे में बताया और मां भारती की आजादी के लिए अंग्रेज से किए गए संघर्ष और बलिदान से अवगत कराया। साथ ही उन्होंने मानगढ़ पर हुए नरसंहार और गोविन्द गुरु के बलिदान को भी याद किया। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति प्रोफ़ेसर आईवी त्रिवेदी ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश की आजादी में जनजाति का योगदान अहम रहा है। शोध और पुस्तकों के माध्यम से जनजाति वीर नायक नायिकाओं की गौरव गाथा सभी तक पहुंच रही है। इस दौरान उन्होंने गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा जनजाति के लिए किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी।
जन जन तक पहुंचेगी गौरव गाथा
जनपद संपदा विभाग इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली प्रोफेसर के.अनिल कुमार ने पुस्तक और वृत्तचित्र से जुड़े सभी सदस्य को बधाई दी। साथ ही जनजाति नायक और नायिका के किए कार्यों को जनजन तक पहुंचाने में अहम बताया। इसके लिए उन्होंने ग्राउंड लेवल पर किए प्रयासों से भी अवगत कराया।
समारोह का संचालन डॉ. बरखा सिंह और मनोज ने किया। आभार ने डॉ नीतू परिहार ने व्यक्त किया।

वृत्तचित्र में झलकी वागड़ की संस्कृति
समारोह में वृत्तचित्र दिखाया गया। हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में वृत्तचित्र को सभी अथितियो ने खूब सराहा। मुख्य अन्वेषक प्रोफेसर सीमा मालिक ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित रूसा 2.0 रिसर्च प्रोजेक्ट “वागड़ क्षेत्र का लोक साहित्य: मौखिक परंपराओं की मैपिंग” के तहत यह वृत्तचित्र तैयार किया गया है। जनजाति की समृद्ध सांस्कृतिक और परंपरागत विरासत को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का एक विनम्र प्रयास है। इसके लिए 1 वर्ष तक रिसर्च के साथ ही जनजाति अंचल के लोगों से वहां की संस्कृति , रहन-सहन, परंपरा, रीति रिवाज, गीत संगीत को जानने के साथ ही उसे रिकॉर्ड किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत एक पुस्तक का भी प्रकाशन किया गया है, जिसे मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में पीजी के विद्यार्थियों के लिए शामिल किया गया है। समारोह में वृत्तचित्र निर्माण सें जुडी टीम के सदस्य सतीश आचार्य, पवन बरोड़, अतुल दाधीच को भी सम्मानित किया गया। समारोह में विवि के प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष और अधिकारी शामिल रहे।
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