Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog आध्यात्म सबके राम-13 “सत्यसंध पालक श्रुति सेतु”
आध्यात्म श्रुतम्

सबके राम-13 “सत्यसंध पालक श्रुति सेतु”

सबके राम-13 “सत्यसंध पालक श्रुति सेतु”

यह धर्मबद्ध या नीति संकुल भारतीय दर्शन का सबसे महनीय आयाम है, जिससे राम भी बँधे हैं और असंख्य आमजन भी। इसलिए, राम लोकमंगलकारी हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। वे इक्ष्वाकु वंश के राजा थे। इक्ष्वाकु मनु के पुत्र थे। इस वंश में आगे चलकर दिलीप, रघु, अज, दशरथ और राम हुए। रघु सबसे प्रतापी थे, इसलिए वंश का नाम रघुवंश चला। रघुवंश के कारण ही राम को राघव, रघुवर, रघुनाथ भी कहा गया।

महाराज दशरथ के तीन रानियाँ थीं, लेकिन कोई पुत्र नहीं था। इसलिए उन्होंने पुत्रेष्टि यज्ञ के लिए श्रृंगी मुनि को बुलाया। यज्ञ के अन्त में अग्निदेव प्रकट हुए और दशरथ को खीर भेंट की। दशरथ ने खीर अपनी रानियों को खिलाई। आधी खीर कौशल्या को दी, आधी कैकेयी को। दोनों ने अपने-अपने हिस्से की आधी खीर सुमित्रा को दी। परिणामतः कौशल्या ने राम को जन्म दिया। कैकेयी ने भरत को। सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न दो संतान पैदा हुई। यही राम के होने की कहानी है।

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