आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा-5
अंग्रेजों का जब भारत में आगमन हुआ, तब भारत कैसा था ? यह एक बड़ा प्रश्न है। भारत 700-800 वर्षों की पराधीनता को देख चुका है।
12वीं शताब्दी से लेकर सन् 1947 तक के संघर्षपूर्ण कालखंड का एक भारत है, और 12वीं शताब्दी से पूर्व का एक भारत है। दोनों में रात-दिन का अन्तर है।
जब भारत की चर्चा और विचार करते हैं, तो ध्यान में रखना है कि हमारा देश कैसा था? हमारी आर्थिक स्थिति, हमारी सांस्कृतिक व साहित्यिक स्थिति, हमारी वैज्ञानिक और गणित की उपलब्धियाँ, भूगोल, कृषि और वाणिज्य के बारे में हमारी जानकारियाँ, हमारा ज्योतिष विज्ञान, हमारा चिकित्सा विज्ञान, हमारा खगोल, हमारा स्थापत्य एवं वास्तुकला आदि अनेक ऐसे बिंदु हैं। इन क्षेत्रों में भारत ने असाधारण उन्नति की थी। इसके साथ-साथ हमने आध्यात्मिक उन्नति भी की थी। भारत ने भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति का एक सुंदर सामंजस्य बिठाया था।
भारत एक ऐसा समृद्ध देश था, जो सम्पूर्ण विश्व के लिए आश्चर्य और आकर्षण का केंद्र था। विश्व के हजारों बड़े-बड़े विद्वानों ने भारत के विषय में बहुत कुछ लिखा है। भारत के वैभव और श्रेष्ठताओं के बारे में लिखा है। भारत विश्व का सिरमौर और विश्व गुरू के स्थान पर रहा है।
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