निडर, निर्भीक और दृढ़ निश्चयी थे बाबा साहब आप्टे – ले. जनरल एनके सिंह
भारतीय इतिहास संकलन योजना के स्वप्नदृष्ट बाबा साहब आप्टे की जयंति पर संगोष्ठी
उदयपुर। भारतीय इतिहास संकलन समिति उदयपुर की ओर से भारतीय इतिहास संकलन योजना के स्वप्नदृष्टा बाबा साहब आप्टे की जयंति के अवसर पर सोमवार को ‘बाबा साहब आप्टे की इतिहास दृष्टि और हमारी प्राचीन धरोहर’ विषयक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर भारतीय इतिहास अध्ययन के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई, वहीं वक्ताओं ने बाबा साहब आप्टे के जीवनवृत्त पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल एनके सिंह सेवानिवृत्त ने कहा कि बाबा साहब आप्टे निडर, निर्भीक और दृढ़ निश्चयी, प्रखर देशभक्ति से ओतप्रोत सक्रिय कार्यकर्ता थे। उन्होेंने का ही प्रत्येक महान व्यक्ति में निर्णय लेने की क्षमता ही उसे विजयी बनाती है। आज इतिहास के साथ छेड़खानी कहीं से भी कर ही ली जाती है। विशिष्ट अतिथि एवं क्षेत्रीय संगठन मंत्री, भारतीय इतिहास संकलन समिति राजस्थान छगनलाल बोहरा ने विषय प्रवेश करते हुए बाबा साहब आप्टे के जीवन प्रसंगों को इतिहास संकलन योजना के मूल आधार के रूप में प्रस्तुत किया।
संगोष्ठी में सम्बोधित करते हुए भारतीय इतिहास संकलन योजना की राष्ट्रीय समिति के सदस्य डॉ. महावीर प्रसाद जैन ने कहा कि बाबा साहब आप्टे ने संस्कृत को राष्ट्र भाषा का दर्जा देने की पुरजोर पैरवी की थी। इसके लिए संस्कृत भाषा साहित्य का पठन-पाठन करते हुए देश भर में लगातार संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार करने के लिए आह्वान किया था। वहीं दूसरे वक्ता व इतिहास संकलन समिति चित्तौड़ प्रान्त के संरक्षक डॉ. देव कोठारी ने इतिहास दिवस मनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही इतिहास संकलन योजना के गठन के उद्देश्यों की सविस्तार जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाबा साहब आप्टे ने इतिहास संकलन का उद्देश्य ही ‘नामूलं लिख्यते किंचित’ रखा। जिससे तात्पर्य था कि मूल अर्थात् प्राथमिक स्रोत से इतिहास लिखा जाए। इसके लिए आवश्यक शोध किया जाना चाहिए।
संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ मोहन लाल श्रीमाली अध्यक्ष, भारतीय इतिहास संकलन समिति चित्तौड़ प्रान्त ने की। संयोजन प्रांतीय महामंत्री डॉ. विवेक भटनागर व प्रांत मंत्री डॉ. मनीष श्रीमाली ने किया। अतिथियों को स्वागत समिति के जिलाध्यक्ष डॉ. जीवन सिंह खरकवाल ने किया। जिला मंत्री चैन शंकर दशोरा ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में डॉ. परमेंद्र दशोरा, डॉ. सुदर्शन राठौड़, मंगल कुमार जैन, मदन टांक, दीपक शर्मा, डॉ. योगराज सिंह, पुरुषोत्तम शर्मा, सोहन शर्मा, प्रियदर्शी ओझा, ओम प्रकाश शर्मा आदि उपस्थित थे।
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