Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog समाचार राष्ट्रपति द्वारा जी-20 आयोजन पर अपने निमंत्रण पत्र पर प्रसिडेंट आँफ भारत अंकित।
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राष्ट्रपति द्वारा जी-20 आयोजन पर अपने निमंत्रण पत्र पर प्रसिडेंट आँफ भारत अंकित।

राष्ट्रपति द्वारा जी-20 आयोजन पर अपने निमंत्रण पत्र पर प्रसिडेंट आँफ भारत अंकित।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सर संघचालक मोहन भागवत ने पिछले हफ्ते ही अपने संबोधन में इंडिया की जगह भारत शब्द लिखने-कहने पर जोर दिया था।

सीलोन श्रीलंका हो गया, बर्मा म्यांमार हो गया,मलाया मलेशिया हो गया,पर्शिया ईरान हो गया, अबीसिनीया इथियोपिया बन गया, साउथ रोडेसिया जिम्बाब्वे बन गया, डच गुयाना सूरीनाम बन गया, बायलोरुसिया बेलारूस बन गया ।


मगर, इंडिया भारत नहीं बन सकता??
क्यों भला??

वैसे भारत बनने की जरूरत ही नहीं है, भारत तो है ही। सांस्कृतिक तथा सांविधानिक रूप से भारत ही मान्य है।
किसी देश के दो नाम क्यों हो भाई?? भारत को इंडिया का हिंदी अनुवाद के रूप में प्रस्तुत करने का नैरेटिव वामपंथी षड्यंत्र का बड़ा हिस्सा रहा है।

भारत नाम अनुवाद नहीं बल्कि मूल नाम ही है।
शरद जोशी ने ठीक ही कहा था कि भारत से इंडिया वाले जलते हैं।

इसलिए तो भारतवासी गर्व से “भारत माता की जय” का घोष करते हैं। किसी को इंडिया माता कहते हुए सुना है क्या??
इसलिए देशभक्ति की फिल्मों के पर्याय बन गए मनोज कुमार ने भारत कुमार का निक नेम दिया, इंडिया कुमार का नहीं। इसलिए तो पूरब और पश्चिम जैसी देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्म में मनोज कुमार( महेंद्र कपूर) ने गीत गाया -” भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं”। गीत ये नहीं था कि इंडिया का रहने वाला हूं इंडिया की बात सुनाता हूं!
भारत सरकार के आज एक आधिकारिक निमंत्रण पर ” president of Bharat” का उल्लेख देख कर मन गदगद हो गया।

भारत माता की जय

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