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रावतभाटा में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह में महिला गोष्ठी का आयोजन

रावतभाटा में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह में महिला गोष्ठी का आयोजन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचार प्रमुख रामेश्वर गुर्जर ,सेविका समिति की कोटा विभाग कार्यवाहिका बृजेश वैष्णव ने चित्र पर माल्यार्पण,दीप प्रज्ज्वलित कर लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का उदघाटन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ता ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन सबके लिए प्रेरणादाई है। उनका पराक्रम अद्भुत था। वह कुशल रणनीतिकार, पराक्रमशीलता व युद्ध कला में प्रवीण थी।अहिल्याबाई होल्कर सती प्रथा की विरोधी थी। वह त्याग की प्रतिमूर्ति थी। उन्होंने साड़ी का उद्योग महेश्वर में शुरू कराया। युद्ध में जो सैनिक बलिदान हो जाते थे उनकी विधवा महिलाओं के लिए रोजगार का सृजन किया। उन्होंने सिंचाई के संसाधन विकसित किया और उपज बढ़ाने के लिए काम किया। अहिल्याबाई होल्कर ने राजस्थान से पत्थर काटकर मंदिर बनाने वालों को लाकर बसाया और उनको भूमि दी। उनका चरित्र विशिष्ट था और दूरदर्शी सोच वाली महिला थी। उस समय युद्ध के दौरान बलिदान हो जाने वाले सैनिक के आश्रितों को एक मुफ्त राशि देने और पेंशन की योजना शुरू की पेंशन देने की योजना शुरू की। जिस समय पश्चिम सोच भी नहीं सकता था उस समय भारत में अहिल्याबाई लक्ष्मीबाई और दुर्गावती जैसी महान वीरांगनाएं थी।

सामाजिक समरसता का श्रेष्ठ उदाहरण न सिर्फ समाज की दशा और दिशा निर्धारण का काम कर रही थी बल्कि वह सामाजिक समर्थन का उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही थी। लोक माता जब भोजन करती थी तो वह समाज के सभी वर्ग के लोगों के साथ बैठकर एक साथ एक पंक्ति में भोजन करती थी। उनके समय किसी के साथ कभी जाति के आधार पर भेदभाव नहीं हुआ। समिति के माध्यम से अहिल्याबाई के जीवन को जन—जन तक पहुंचाने का महान कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है।

कार्यक्रम में संघ के आनुषंगिक संगठन सेविका समिति, सेवा भारती,भारत विकास परिषद , अभाविप,वनवासी कल्याण परिषद आदि के महिला कार्यकर्ताओं के साथ मातृशक्ति उपस्थित रही।
आभार सह खण्ड कार्यवाह योधराज सेन ने व्यक्त किया।

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