आध्यात्म समाचार

100 अरब हस्तलिखित श्रीरामनाम परिक्रमा महोत्सव आरंभ -रामभक्तों का सैलाब उमडा, गूंज रहे जयश्रीराम के जयकारे

100 अरब हस्तलिखित श्रीरामनाम परिक्रमा महोत्सव आरंभ
रामभक्तों का सैलाब उमडा, गूंज रहे जयश्रीराम के जयकारे

संत महात्माओं और राजनेताओं ने की परिक्रमा
अजमेर 14 जनवरी। अयोध्या नगरी में 100 अरब हस्तलिखि श्रीराम नाम महामंत्रों की परिक्रमा आरंभ होने के साथ ही अजमेर के धर्मप्रेमियों का उल्लास परवान चढ गया। रविवार दोपहर विधि विधान से पूर्जा अर्चना और आरती के बाद संत महात्माओं ने परिक्रमा का श्रीगणेश किया। परिक्रमा करने को रामभक्तों का सैलाब उमड पडा। राम मय माहौल के बीच दोपहर 3 बजे से दोपहर शाम 5 बजे से श्री रामानुज संकीर्तन मंडल की ओर से सुन्दरकाण्ड पाठ की प्रस्तुति दी गई। शाम छह बजे महाआरती में बडी संख्या में रामभक्तों ने भाग लिया। यजमान के रूप में सुभाष काबरा, ओमप्रकाश मंगल, कालीचरण खंडेलवाल, प्रमोद जैन व विजय तत्ववेदी ने धर्मलाभ लिया

देर शाम रामोत्सव में बही भजनों की सरिता
देर शाम रामोत्सव में सुरताल म्युजिकल ग्रुप ने एक से बढकर एक भजनों की प्रस्ततिु से समां बांध दिया। श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी….बांसुरी वादन की प्रस्तुति हर्षवर्धन, केके शर्मा, प्रकाश, कनक, अर्पित ने दी। हेमचंद गहलोत ने सजा दो घर गुलशन सा मेरे प्रभु राम आए है…, मेरे रघुनाथ तो किस बात की चिंता…, श्री रामचन्द्र कृपालु भवजन…के जरिए भगवान के प्रति श्रद्धा प्रकट की। हिरेन्द्र व हिमांशु ने कभी राम बनके कभी श्याम बनके…, निहारिका शर्मा ने राम को देखा जनकनंदनी…, अनंत ने राम आएंगे…, डॉ. केके शर्मा ने राम नाम अति मीठा है…, श्री राधे गोविन्द…, श्री राम की गली में तुम जाना…, हिरेन्द्र जादौन ने मेरी झोपड़ी के भाग… के साथ ही कुलदीप सिंह चौहान ने भजनों के जरिए माहौल राम मय कर दिया।

युविका ने कथक नृत्य के माध्यम से राम स्तुति की शानदार प्रस्तुति दी। समृद्धि, दिल्वी, प्रिशा, अदिति ग्रुप ने नटखट यमुना के तट पर नृत्य प्रस्तुत किया। तुझार ने श्रीराम जानकी बैठे हैं…, गुंजन श्री भट्ट ने सत्य सनातन की छाया नगरी हो अयोध्या सी…, संजय कुमार भट्ट ने एक दिन बोले प्रभु…भजन गाया तो दर्शकों ने भी सुर में सुर मिया। कार्यक्रम में सुरताल म्युजिकल ग्रुप के सतीश दीक्षित व कुलदीप चौहान ऑक्टापेड, ढोलक पर मोहित, आर्गन पर रवि, बौंगा पर ललित कुमार का सहयोग रहा।

प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक परिक्रमा
आयोजन कमेटी के संयोजक कंवलप्रकाश किशनानी ने बताया कि आमजन प्रतिदिन सुबह 8 बजे से देर शाम 8 बजे तक परिक्रमा का लाभ ले सकेंगे। दोपहर 2 बजे से सुन्दरकाण्ड पाठ की प्रस्तुति रहेगी। शाम 6 बजे महाआरती होगी। शाम 6.30 बजे से रामोत्सव का आनंद रहेगा। धर्मप्रेमियों के लिए चाय व पानी की निशुल्क व्यवस्था रहेगी।

उदघाटन कार्यक्रम में इनका मिला सान्निध्य
कार्यक्रम में परम श्रद्धेय जगतगुरु श्रीजी महाराज पीठाधीश्वर निम्बार्कपीठ, परम पूज्य गुरूदेव महामंडलेश्वर प्रज्ञा पीठाधीश्वर स्वामी प्रज्ञानन्द गिरि महाराज, श्री शक्तिपीठ जयपुर से वक्ता साध्वी समदर्शी, नृसिंह मन्दिर होलीदड़ा के महंत श्याम सुन्दर शरण देवाचार्य, श्री शान्तानन्द उदासीन आश्रम पुष्कर महंत हनुमानराम, ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम महंत स्वरूपादास, नौसर माता मंदिर महंत रामा कृष्ण महाराज, वाल्मीकि समाज के (कबीरपंथी) रामपाल सारसर महाराजा उपस्थित थे। अजमेर नगर निगम महापौर ब्रजलता हाडा ने सभी का आभार जताया।

सभी संतों व अतिथियों का स्वागत कंवल प्रकाश किशनानी, उमेश गर्ग, महापौर ब्रजलता हाड़ा, सत्यनारायण भंसाली, बालकृष्ण पुरोहित, पूरन सिंह चौहान, आनंद अरोड़ा, डॉ. प्रियशील हाड़ा, ज्ञान सारस्वत, धर्मेश जैन, अमित जैन, विनीत लोहिया, अभिलाषा यादव, भारती श्रीवास्तव, पुष्पा पंवार अलका शर्मा, अलका गौड़, शशि प्रकाश इंदौरिया, संपत सांखला, लेखराज सिंह राठौड़, विनिता जैमन, अनुपमा भंसाली, सुनील जैन, हिमांशी सिंह, शिवरत्न वैष्णव, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, कैलाश सिंह भाटी, विक्रम सिंह, रामस्वरूप चौधरी, मुकेश खींची, रामधनवानी, शुभम्नाथ योगी, केशवनाथ, निर्मल टांक, कुशाल नोगिया, पृथ्वीसिंह, अनुराग त्यागी, हनिश राठौड़, ओम प्रकाश सेन, अरूण शर्मा, तरूण वर्मा, घीसूलाल माथुर, दिनेश यादव, नौरंग सिंह, लोकेश भिण्डा, दीपक राठौड, गौरव जैन, विनित जैन, छगन भाई पटेल, डॉ. दीपक भास्कर ने किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर संघचालक खाजूलाल चौहान ने संतों को संपर्क विभाग की ओर प्रकाशित पुस्तक भेंट की।

परिक्रमा स्थल पर धर्म और राजनीति का संगम
परम श्रद्धेय जगत गुरु श्रीजी महाराज पीठाधीश्वर निम्बार्कपीठ ने कहा कि परिक्रमा आयोजन का यह श्रेष्ठ अवसर और विशेष संयोग बना है। नौ दिन तक श्रीराम खुद हमारे यहां विराजे हैं। उन्होंने बिना किसी राजनीतिक दल और नेताओं का नाम लिए कहा कि हो सकता है कि कुछ लोगों को रामजी के नाम से अब भी कष्ट हो रहा हो। उनको समझ लेना चाहिए कि राम और कृष्ण के बिना उनकी सदगति नहीं होगी। राम तो संपूर्ण ब्राहमण को आनंद देने वाले हैं। जो उनकी शरण में आना चाहे आए जो ना आना चाहे ना आए। जिनको राम ने अपना माना और जिन्होंने राम को स्वीकार किया वो ही अवसर पाएंगे। श्रीजी महाराज ने कहा कि जो राम के अधीन यानी शरणागत रहेगा उसका जीवन सफल हो जाएगा। कलयुग के इस कालखंड में राम का नाम ही जीव का उद्धार करेगा। उन्होंने अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान को याद करते हुए कहा कि अजमेर तो सनातन का प्रहरी रहा है।

परम पूज्य गुरूदेव महामंडलेश्वर प्रज्ञा पीठाधीश्वर स्वामी प्रज्ञानन्द गिरि महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि भगवान राम के प्रकटीकरण हो रहा है। हमें ऐसे सुखद उत्सव को मनाने का अवसर उनकी कृपा से ही मिल रहा है। राम तो धर्म के साक्षात अवतार है। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के कार्य को धर्म रक्षा और धर्म संवर्धन का काम बताते हुए कहा कि जो धर्म की रक्षा का काम करता है धर्म उसकी रक्षा करता है। भगवान सत्य का स्वरूप हैं। जिसने सत्य को स्वीकार कर लिया समझों उसने राम, कृष्ण यानी ईश्वर को स्वीकार कर लिया।

उन्होंने सनातन को लेकर अनर्गल टिप्पणी करने वालों के संदर्भ में कहा कि हमें यह जान लेना चाहिए की रावण के राज में भी सनातन था। फर्क इतना है कि हमें राम वाला सनातन चाहिए कि रावण वाला। सभी को मिल जुलकर सनातन सिद्धांतों को आगे बढाना है। हम वसुधैव कुटुम्बकम की भावना लिए हुए हैं। समस्त विश्व का भला चाहते हैं। विश्व योग भूमि है सिर्फ भारत ही योग भूमि है। यहां धर्म का चिंतन होता है। धर्म रक्षा का जिम्मा हमारा था हमारा रहेगा। भारत भूमि पर ही भगवान का विभिन्न रूपों में अवतार होता रहा है। जीव के जन्म का उद्देश्य परमात्मा को प्राप्त करना है। उन्होंने परिक्रमा आयोजन को भगवान का दिव्य स्वरूप बताते हए कहा कि यहां तो राम अपने नाम रूप में प्रकट हुए हैं।

श्री शक्तिपीठ जयपुर से पधारीं साध्वी समदर्शी ने कहा कि अजमेर में राम नाम की परिक्रमा का यह पुनीत कार्य और इसमें सहभागी बनने वाले वंदनीय हैं। महज 11 दिन के अल्प समय में इतने विशाल आयोजन को मूर्तरूप देना निसंदेह रामजी की कृपा बिना संभव नहीं। यह रामजी का काज है और रामजी ही करा रहे हैं। सुखद बात है कि 500 साल के लंबे कालखंड में साल 89 से 92 तक वह सब भी संभव हुआ जो अकल्पनीय था। हम सौभाग्यशाली है जो श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी हो रहे हैं। हमारे पूर्वजों और राम काज में आए संघर्ष में जीवन खपा देने वालों की बदौलत हमें रामजी को भव्य मंदिर में विराजित होने का दर्शन प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण की नीतियों के चलते कुछ अधर्मी हमें छुआछूत और अन्य कुचक्रों के जरिए जातियों में बांटने का प्रयास में अब भी जुुटे हैं। राम तो सबके है और राम सबमें हैं इस दृढ निश्चिय के साथ हम एकजुट होकर अपने लक्ष्य पर डटे रहें। धर्म की गलत व्याख्या करने वालों को जान लेना चाहिए कि सनातन अथवा हिन्दुत्व तो जीवन जीने की कला है, यह संस्कृति है। इसकों मिटाने का प्रयास करने वाले खुद मिट जाएंगे पर सनातन कभी नहीं मिट सकेगा।

उदघाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने अपने उदबोधन की शुरुआत में कहा कि राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट…। ऐसा मौका देवदुर्लभ है। अयोध्या में 22 जनवरी को राम प्राण प्रतिष्ठा का महा उत्सव मनाने के सौभाग्य से पहले ही अजमेर के धर्मप्रेमियों को 100 अरब श्रीरामनाम महामंत्रों की नौ दिन तक परिक्रमा करने लाभ मिलेगा। हम खद परिक्रमा करें औरों को इसके लिए प्रेरित करें। यह भी रामकाज ही है। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है कि अजमेर और पुष्कर के विभिन्न मंदिरों से संकलित की गई रज को अयोध्या तक पहुंचाने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ था।

विशिष्ठ अतिथि पूर्व सांसद ओंकारसिंह लखावत ने उपस्थित रामभक्तों को आगाह करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयास की बदौलत राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा अवसर प्राप्त हुआ है। रामजी के नाम से तो पत्थर की शिलाएं भी समुद्र में तैर गईं। राम का नाम सबके कल्याण के लिए है। हमें ध्यान रखना होगा कि पूर्व में की गई गलतियों को हम ना दोहराएं। हमारे मंदिर तोडने का आतताइयों का साहस इसलिए हुआ कि हममें एकजुटता की कमी थी। हम सदैव संगठित रहेंगे तो कोई विधर्मी हम पर और हमारे देवस्थानों की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकेगा। अपने धर्म स्थल और उनकी पवित्रता बनाए रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि भगवान राम के भव्य मंदिर में उनकी प्राण प्रतिष्ठा का यह अवसर हमें अनवरत चले संघर्ष के बाद आया है। हमारी पहले की पीढियों ने हमें इस सुअवसर का सौभाग्य दिया है। हम भगवान को विराजित होते देख पाएंगे। ऐसे में हमारा उत्साह दीपावली से सौ गुना अधिक बना रहना चाहिए।

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