सबके राम-23 “रामतत्त्व के शक्ति पुंज”
सीता जी राम की ईश्वरीय सत्ता को जानते हुए भी बराबरी का सम्बन्ध रखती हैं। वह राम की अनन्य भक्त हैं। सीता के अतिरिक्त अहिल्या, शबरी, तारा सहित अनेक ऐसी स्त्रियाँ थीं, जो राम के वास्तविक स्वरूप को जानती थीं। इसलिए उनके प्रति उनकी भक्ति अद्भुत थी।
माता कौशल्या राम तथा भरत में भेद नहीं करतीं। उनमें पुत्र के प्रति स्नेह तो है, पर राम के वन-गमन पर मौन रहकर वे अपने कर्तव्य का निर्वहन करती हैं। राम का वन-गमन उनकी माता कौशल्या के लिए हृदय विदारक रहा होगा। लेकिन वे अपने पुत्र के कर्तव्य मार्ग में कभी बाधक नहीं बनीं। माता कौशल्या ने अपने पुत्र को ऐसे संस्कार दिए कि राम पिता की आज्ञा पर किंचित भी विचलित नहीं हुए और सहर्ष वनवासी हुए।
Leave feedback about this