सर्व हिन्दू समाज के 23 जोड़े बने जन्म जन्मांतर के साथी, सम्पन्न हुआ सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह

समिति के महामंत्री राजेंद्र पालीवाल ने कहा कि श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन समाज में परस्पर प्रेम और बन्धुत्व के भाव को प्रगाढ़ करते हुए भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा देते हैं। सामूहिक विवाह समारोह के दौरान सामाजिक एवं आर्थिक विषमता के समस्त भेदभावों को समाप्त कर एक छत के नीचे समान भाव से विवाह बंधन में बंधना अपने आप में ही अनोखा काम है।

समिति के उपाध्यक्ष नथमल पालीवाल ने बताया कि सभी बारातें जूना खेड़ापति हनुमानजी मंदिर से रवाना होकर आखलिया चौराहा होते हुए विवाह स्थल केशव परिसर में पहुंचीं। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर सर्व समाज के पदाधिकारियों की ओर से बारातियों का स्वागत किया गया। वर-वधू को चांदपोल रामद्वारा के रामस्नेही संत हरिराम शास्त्री व आमेट रामद्वारा के संत मुमुक्षु राम महाराज ने आशीर्वाद दिया। कोषाध्यक्ष वरुण धनाडिया ने कहा कि एक स्थान पर अलग-अलग जातियों व वर्गों के वर वधुओं का एक साथ विवाह, वह भी नाममात्र के खर्च पर, वास्तव में एक अनुकरणीय प्रयास है। 

सभी जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ परिणय सूत्र में बंधने के साथ ही नशा न करने, बेटी बचाने व समाज सेवा करने की शपथ ली।

संघ के स्वयंसेवकों की मेहनत से व्यवस्था रही चाक चौबंद 

वहीं सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व सेवा भारती समिति एवं श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह समिति से जुड़े हजारों कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाओं को इस प्रकार से संभाला कि विवाह समारोह में बाराती बनकर आए मेहमानों को हर वह सुविधा उपलब्ध करवाई, जो आमतौर पर विवाह में होती है। मेहमानों ने इसकी भूरि भूरि प्रशंसा की। महिला कार्यकर्ताओं ने तन-मन-धन से सहयोग करके मातृशक्ति की प्रबल सामर्थ्य का उदाहरण प्रस्तुत किया। समारोह में अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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