शंकराचार्य के पश्चात् राष्ट्र के एकीकरण करने वाली महान् व्यक्ति थीं अहिल्याबाई होलकर – हनुमान सिंह राठौड़ 

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म-जयन्ती वर्ष पर प्रबुद्धजन गोष्ठी का आयोजन

पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर अपने युग की वीर व आधुनिक मानवी थीं

शंकराचार्य के पश्चात् राष्ट्र के एकीकरण करने वाली महान् व्यक्ति थीं अहिल्याबाई होलकर – हनुमान सिंह राठौड़ 

अजमेर। 07 दिसम्बर। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से शनिवार को स्थानीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के राजीव गाँधी सभागार में पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म-जयन्ती वर्ष पर एक प्रबुद्धजन संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रसिद्ध चिंतक, लेखक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री हनुमानसिंह राठौड़ ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर अपने युग की वीर मानवी थीं, जिन्होंने विपरीत परिस्थिति में धर्म के पथ पर चलते हुए शासन किया। उन्होंने आजीवन लोक-कल्याण के व्रत का पालन किया और यही कारण है कि आज तक उन्हें हम लोकमाता के रूप में याद करते हैं। उन्होंने पूरे देश में मन्दिरों, धर्मशालाओं आदि का निर्माण व जीर्णोद्धार किया। इस प्रकार युगपुरुष शंकराचार्य के पश्चात्  भारत राष्ट्र के एकीकरण का अद्भुत कार्य करने वाली वे महान् व्यक्ति थीं। श्री राठौड़ ने कहा कि प्रसिद्धि की चाह न रखकर केवल कर्तव्य निभाने का भाव रखने वाली प्रगतिशील व प्रयोगधर्मी स्वभाव की धनी रानी अहिल्याबाई से आज के समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए। वे रानी अवश्य थीं, लेकिन शासन उन्होंने ईश्वर के नाम पर किया। उन्होंने स्त्री-कल्याण के लिए जो कार्य किए, उनसे ज्ञात होता है कि वे अपने समय की अत्यधिक आधुनिक व न्यायप्रिय स्त्री थीं।

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. नारायणलाल गुप्ता ने सभी का आह्वान किया कि अहिल्याबाई के सत्कर्मों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होना चाहिए, क्योंकि समाज को हमें स्मृतिलोप की स्थिति से बाहर लेकर आना है। आज के दौर में यह हमारा प्रथम उत्तरदायित्व है कि हम हमारे गौरवपूर्ण इतिहास को जानें, समझें और उस पर विमर्श करें।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री महेन्द्र कपूर ने अपने उद्बोधन में कहा कि विगत छत्तीस वर्षों से अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, जो केजी से लेकर पीजी स्तर तक सेवारत शिक्षकों का सम्पूर्ण विश्व में अनूठा संगठन है, राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज की अवधारणा लेकर रचनात्मक रूप से कार्यरत है। उन्होंने कहा कि संगठन के कार्यकर्ता नई पीढ़ी को संस्कारित करके राष्ट्र को परम वैभव तक ले जाने के लक्ष्य को सम्मुख रखकर आजीवन तपस्या करते हैं।

जानकारी देते हुए महासंघ के उच्च शिक्षा संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. दीपक शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राष्ट्रीय जागरण के महायज्ञ में निरन्तर सक्रिय रहने वाला संगठन है। प्रदेश महामन्त्री प्रो. सुशील कुमार बिस्सु ने सभी का आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म-जयन्ती वर्ष पर संगठन की ओर से पूरे देश में शृंखलाबद्ध रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी सन्दर्भ में आज की गोष्ठी आयोजित की गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे। 

गोष्ठी का शुभारम्भ प्रो. राजेश जोशी द्वारा की गई सरस्वती-वन्दना से हुआ। संचालन प्रो. लता शर्मा ने किया। 

इसी क्रम में दिनांक 8 दिसंबर को दोपहर 3 बजे एक वाहन रैली का आरंभ राम प्रसाद घाट से हो कर पुरानी चौपाटी जेटी पर समापन होगा। साथ ही, रात्रि 9 बजे एक कवि सम्मेलन का आयोजन अम्बेडकर सभागार,  मेडिकल कॉलेज, अजमेर में किया जाएगा जिसमे कवि गिरीश विद्रोही नाथद्वारा, अजातशत्रु, उदयपुर, अशोक चरण, राजेंद्र गौड़ कोटा, दीपशिखा रावत नीमच आदि काव्य पाठ करेंगे! 

प्रो. सुशील कुमार बिस्सु

प्रदेश महामन्त्री, 

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ – उच्च शिक्षा राजस्थान

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