मानवविज्ञानी लीला दुबे “27 मार्च/जन्मदिन”


मानवविज्ञानी लीला दुबे “27 मार्च/जन्मदिन”

लीला दुबे एक प्रसिद्ध मानवविज्ञानी थी | 27 मार्च 1923 को उनका जन्म हुआ था | उनके पति का नाम श्यामाचरण दुबे था |

लीला दुबे का अकादमिक कैरियर वास्तव मे 1960 मे मध्यप्रदेश के सागर विश्वविद्यालय मे शुरु हुआ | उन्होंने 1974 मे महिलाओ की स्थिति पर भारत सरकार की डुवार्स इक्वालिटी को आकार देने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी | जिसकी चर्चा भारत की संसद मे महिलाओं के अध्ययन मे हुई | युजीसी और आसीएसएसआर के माध्यम से भारतीय अकादमियों मे केंद्र चरण थी | सन 1970 के दशक मे लीला दुबे इंडियन सोशियोलॉजिकल सोसायटी मे एक महत्वापूर्ण व्यक्ति मानी जाती थी |

महिलाओं के अध्ययन की चिंताओं को मुख्यधारा के समाजशास्त्र मे पेश करने के लिए जिम्मेदार थी वह इंस्टीटयूट ऑफ रुरल मैनेजमेंट आनंद मे अग्रणी थी | लगभग 1980 मे उन्होंने काम करना शुरु किया था | उन्होंने रुरल एनवायरनमेंट का कोर्स किया | जिसका उपयोग ग्राम समाज के लिए व्यवसाय प्रबंधन तकनीक कार्यक्रमों के डिजाइन के लिए किया गया | जिसका समावेश पाठ्यक्रम के रुप मे किया गया |

1984 के वर्ल्ड सोशियोलॉजिकल कॉग्रेस मे महिला कार्यकर्ताओ औंर महिला अध्ययन विद्वानों ने अनुसंधान समिति आरसी 32 के माध्याम से एक प्रमुख भूमिका निभाई 1982:1986 मे आर्थिक और राजनीतिक सेशन मे चयनात्मक गर्भपात पर एक बहस थी तो उस समय उनका योगदान उल्लेखनीय था | वह हमेशा से महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरूद्ध रही इतना ही नही उनकी हर कही भविष्यवाणी सही साबित हुई |

दुबे जी भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंस्थान परिषद और नेहरु मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय से जुडी थी |

1) 2009 मे उन्हें 2005 के लिए युजीसी का स्वामी प्रणवानंद सरस्वती पुरुस्कार दिया गया
2) 2007 मे उन्हें इंडियन सोशियोलॉजिकल सोसायटी का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला।
89 वर्ष की आयु में लीला दुबे का निधन उनके दिल्ली स्थित आवास पर 20 मई, 2012 को हुआ।

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