श्रुतम्

बाजी राउत-2

सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 13

बाजी राउत का जन्म 5 अक्टूबर, 1926 को ढेंकानाल, उड़ीसा, में नीलकंठपुर नाम के गाँव में हुआ था। उनके पिता एक नाविक थे; उनकी मृत्यु के समय बाजी राउत बहुत छोटे थे।

पिता की मृत्यु के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई। बाजी राउत की माताजी अधिकांशतः बीमार रहती थीं। फिर भी दूसरों के खेतों में काम करके एवं संपन्न परिवारों के घरों में काम करके येन-केन-प्रकारेण दोनों का जीवनयापन हो रहा था।

परिवार की तंग आर्थिक स्थिति के कारण बाजी राउत को कोई शिक्षा भी नहीं मिल सकी। परंतु वे तेज बुद्धिमान और समझदार थे।
उन्होंने छोटी उम्र से ही ब्राह्मणी नदी में अपनी नाव चलाना आरम्भ कर दिया था, और इस प्रकार अपने पिता का पुश्तैनी काम संभाल लिया था।

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