विकसित भारत 2047 की संकल्पना-11
युवा गतिमान जनसंख्या-1
प्रत्येक व्यक्ति, समूह, समाज व देश की कोई न कोई विशेष शक्ति होती ही है। जैसे अमेरिका की शक्ति उसका आईपीआर (बौद्धिक संपदा, अधिकारक पेटेंट कापी राइट्स आदि), शोध, नये उच्च स्तरीय उत्पाद हैं। चीन की शक्ति उसकी कम लागत पर निर्माण की अंतरराष्ट्रीय विशेषता है, जापान की ऑटोमोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक है, जर्मनी की उच्च तकनीक वाले सामान निर्माण की है तो मिडिल ईस्ट की शक्ति उनका कच्चा तेल भंडार है।
प्रश्न यह उठता है कि भारत की अनुपम शक्ति क्या है? भारत की शक्ति है, उसकी युवा व गतिमान आबादी। भारत की 15 से 29 वर्ष की प्रमुख युवा आयु वर्ग में 37 करोड़ की जनसंख्या है। यह न केवल विश्व के किसी भी देश से अधिक है, बल्कि भारत की कुल जनसंख्या का यह 30 प्रतिशत है। यदि इस युवा जनसंख्या को ही हम उद्यमिता व कौशल विकास के माध्यम से पूर्ण रोजगारयुक्त करने में सफल हो जाएं, तो वह विकसित भारत की सबसे बड़ी ताकत सिद्ध होगी।
इस संबंध में दिल्ली स्थित स्वदेशी शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘इग्नाइटिंग 37 करोड़ ग्रोथ इंजन’ (लेखक- प्रो. प्रदीप चौहान व शिवाली चौहान) में, शोध करने के बाद बताया गया है कि- ‘कैसे चीन, जापान व यूरोप जो अब वृद्ध आबादी वाले देश होते जा रहे हैं, उनकी विकास दर यानी जीडीपी तेजी से गिर रही है। सब प्रकार के विकास ढांचे, अनुकूल नीतियों के होते हुए भी वह आगे बढ़ नहीं पा रहे।’
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