विकसित भारत 2047 की संकल्पना-35

विश्व भर में भारतीय प्रतिभाशाली युवाओं को आह्वान…

एक विषय है विगत 60-70 वर्षों में भारत की महान युवा शक्ति और बौद्धिक क्षमता का व लोगों का देश से बाहर जाने का है। बड़ी संख्या में आईआईटी, आईआईएम किए हुए हमारे युवक आज अमेरिका, यूरोप व अन्य देशों में प्रतिष्ठित वैश्विक कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। वे वास्तव में हमारी ही पूंजी है।

30-40 वर्ष पूर्व जब भारत में आवश्यक सुविधाएं नहीं थी, उनकी बुद्धि, उनके कौशल, उनकी उद्यमिता को विकसित होने के लिए यहां पर पर्याप्त वातावरण नहीं था, तो उसकी खोज में वे यूरोप, अमेरिका और अन्यत्र गए। वहां पर उन्होंने अपना कौशल दिखाया और उसका परिणाम यह हुआ कि आज विश्व की बड़ी बड़ी कंपनियों में न केवल नेतृत्व में बड़ी संख्या में भारतीय युवा युवतियां हैं, बल्कि उनके कुल नेटवर्क में भी 15 से लेकर 30 प्रतिशत तक भारतीय मेधावी युवक-युवतियां कार्यरत हैं।

अब क्योंकि हमारा आवश्यक आधारभूत ढांचा काफी तेजी से तैयार हो रहा है। हम सामान्य नीतियों से लेकर और इज ऑफ डूइंग बिजनेस तक में बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। इसलिए अब इस बात की अपार संभावनाएं हैं कि यदि हम आह्वान करें, हमारा सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक नेतृत्व आह्वान करें और सरकार उसको नीतिगत समर्थन भी करे, तो बड़ी मात्रा में हमारे यह कुशल एवं बौद्धिक क्षमताओं से युक्त युवा, भारत में आकर भारत की समृद्धि में लग सकते हैं।

यदि हम प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव Production Linked Incentives (PLI) जैसी योजनाओं में हजारों करोड़ खर्च करके यहां के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मल्टीनेशनल कंपनियों को पैकेज दे सकते हैं, तो अपने ही युवाओं को भारत में लौटकर काम करने के लिए भी योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। इस पर सब तरफ व्यापक चर्चा, विमर्श व शोध होना चाहिए और आवश्यक योजना भी बनानी चाहिए।

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