जिहादी रक्तबीज, हर बूँद से नया रूप-14
एंग्लो-मुस्लिम गठजोड़
(Anglo-Muslim Alliance)
जमात-ए-इस्लामी ने ‘न्यू अलीगढ़ मूवमेंट’ को खड़ा किया और इसी कड़ी में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का गठन किया गया था। इसने नेशनल डवलपमेंट फ्रंट (NDF) के गठन का मार्ग प्रशस्त किया था। जिसका बाद में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में विलय हो गया था।
“ये सभी जिहादी तत्व एक ही गिरगिट के आवश्यक अंग हैं। इन्हें कई परतों और रंगों में छिपे रहने में महारथ प्राप्त है।”
एक ओर इनके अग्रणी संगठन भारतीय लोकतंत्र की दरारों का लाभ उठाते हैं, और भोले-भाले नागरिकों को अल्पसंख्यकवाद के नाम पर छलते हैं। दूसरी ओर, पर्दे के पीछे का तंत्र लोकतंत्र के आदर्शों के विरुद्ध लगातार युद्ध (जिहाद) की स्थिति में रहता है; जिससे कट्टरपंथी शरियत कानून को क्रियान्वित किया जा सके।
अतीत में इसी हथकंडे से जिहादियों को इस्लामिक देश पाकिस्तान बनाने में सफलता मिली थी। अब विध्वंसक चौकड़ी में सम्मिलित अन्य शक्तियों की मदद से वे भारत को रक्तरंजित करने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं। साथ ही ये जिहादी हमारी मूल संस्कृति के बहुलतावादी एवं समावेशी सामाजिक ढांचे को भी क्षतिग्रस्त कर रहे हैं।
इस समय ये सब जिहादी गिरगिट की भाँति परिस्थितियों के अनुसार रंग बदलने की क्षमता से सुसज्जित होकर भारत के विरुद्ध सतत युद्ध की स्थिति बना दी गई है। इसकी गहराई में जाने के लिए हम पीएफआई का विस्तार से परीक्षण करेंगे और देखेंगे, कि भारत को नुकसान पहुँचाने की ये धूर्त रणनीति क्या है…।
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