सबके राम-17 “रामतत्त्व का बीज”
ऋषि कश्यप और अदिति के पुत्र थे ‘आदित्य’। दशरथ कौशल्या के पुत्र थे राम। तो वैदिक कथासूत्र इंद्र से आदित्य, आदित्य से विष्णु और वहाँ से विष्णु के अवतार राम तक आता है।
रुद्र और वृषाकपि विकसित होकर हनुमान बनते हैं। वैदिक देवी ऊषा सीता होती है। देवासुर संग्राम की कथा राम-रावण युद्ध में विस्तार पाती है।
वैदिक देवताओं में व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा भारत के पुराणों का प्रिय विषय है। पुराण विशद हैं, रोचक हैं और बहुआयामी भी, लेकिन इनमें रामत्व या रामतत्त्व का वह समग्र स्वरूप नहीं उभरता, जिससे भारत के लोकमन को अपने वश में किया।
Leave feedback about this