Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog आध्यात्म सबके राम-20 “रामतत्त्व के शक्ति पुंज”
आध्यात्म श्रुतम्

सबके राम-20 “रामतत्त्व के शक्ति पुंज”

सबके राम-20 “रामतत्त्व के शक्ति पुंज”

मानस में तीसरी स्त्री ‘अहिल्या’ हैं। लांछिता हैं। उनकी स्थिति बड़ी विचित्र है। यह समझ से परे है कि उन्हें श्राप क्यों मिला? श्राप तो वस्तुतः इंद्र को मिलना चाहिए था। क्योंकि बलात् प्रयास तो इंद्र ने किया था। उसमें स्त्री की स्वीकृति की गंध मिली तो निर्णय बदल गया..। अहिल्या ने इंद्र को स्वीकृति दी थी। इसलिए वे दंडित हो गईं।

राम अहिल्या का उद्धार कर यह संदेश देते हैं कि स्त्री के साथ छल, किसी भी रूप में उसका अपमान और बिना दोष उसे दंड देना सभ्यता और संस्कृति का सूचक नहीं है। और न ही सामाजिक मुल्यों के अनुरूप है। इसलिए राम उनका उद्धार करते हैं।

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