Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog आध्यात्म सबके राम-25 “रामतत्त्व के शक्ति पुंज”
आध्यात्म श्रुतम्

सबके राम-25 “रामतत्त्व के शक्ति पुंज”

सबके राम-25 “रामतत्त्व के शक्ति पुंज”

शबरी के जूठे बेर के बीज लक्ष्मण के लिए संजीवनी बन जाते हैं। कहा जाता है कि राम ने प्रेम और आत्मीयता से शबरी के जूठे बेर खाए। बेर की गुठलियाँ धरती पर गिरीं उसी से संजीवनी बूटी बनी। सीता की खोज में माता शबरी का आश्रम एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। जहाँ से राम को सुग्रीव तक जाने का मार्ग पता चलता है। शबरी के बताए सूत्र से ही राम की भेंट महावीर हनुमान से होती है।

राक्षस और सर्प जाति की नारियाँ भी राम द्वारा रावण-वध का सेतु बनती हैं।
सर्प माता ‘सुरसा’ हनुमानजी को समुद्र मार्ग का ज्ञान और प्रशिक्षण देती है।
‘लंकिनी’ लंका के अंदर जाने का मार्ग बताती है।
‘त्रिजटा’ भविष्य में लंका दहन का संकेत देती है।

जिस बाली को राम ने मारा, उस बाली की पत्नी ‘तारा’ प्रारंभ से ही राम के विष्णु अवतार में होने के बारे में जानती थी। तारा का जन्म समुद्र-मंथन से हुआ था। उसने अपने पति बाली को अनेकबार भगवान् राम के ईश्वरीय स्वरूप के विषय में बताया था, लेकिन बाली ने तारा की बात नहीं मानी और राम के बाणों से मृत्यु को प्राप्त हुआ। इसके उपरांत भी तारा ने कभी राम के प्रति कोई विरोध नहीं दिखाया।

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