बांग्लादेश में हिन्दुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे भारत सरकार
अजमेर में सकल हिन्दू समाज ने दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
विशाल मौन जुलुस के साथ ज्ञापन देने जुटे 3 हजार से अधिक लोग
बांग्लादेश में हुई राजनीतिक अस्थिरता और सत्ता परिवर्तन के बाद वहां रह रहे हिंदुओं और अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे लगातार हमलों, हिंदू मंदिरों के विध्वंस और हिंदू बहन-बेटियों के साथ दुर्व्यवहार व दुष्कर्म के खिलाफ अजमेर शहर सकल हिन्दू समाज ने अपना आक्रोश शुक्रवार को विशाल मौन जुलुस के माध्यम से हजारों की संख्या में सड़क पर आकर व्यक्त किया। गाँधी भवन से प्रारम्भ होकर यह मौन जुलुस शांतिपूर्ण ढंग एवं स्व अनुशासन से ज़िलाधीश कार्यालय तक पंहुचा। जहाँ विविध जाति, बिरादरी तथा व्यापारिक संस्थाओं के प्रमुखों को साथ लेकर संतों की अगुवाई में महामहिम राष्ट्रपति, माननीय राज्यपाल तथा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के नाम लिखित ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौपा गया |
महंत श्यामशरण जी एवं संत सरूपदास के सानिध्य में निकले मौन जुलुस में बड़ी संख्या में महिलाओं सहित 3 हजार से अधिक हिन्दू समाज के लोग उपस्थित हुए ।
ज्ञापन में मांग की गई कि भारत सरकार न केवल बांग्लादेश के हिन्दूओं और अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक एवं व्यापारिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, अपितु जिन हिंदुओं की संपत्तियों को बांग्लादेश में नष्ट किया गया है, उनकी भरपाई की जाये। जिन निर्दोष हिन्दुओं, अल्पसंख्यकों की हत्याएं हुई है, उनके परिजनों को मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाये। साथ ही अल्पसंख्यक समुदायों के हिंसा में घायल हुए नागरिकों की समुचित चिकित्सा का प्रबंध सरकारी खर्चे पर करवाया जाये। जो लोग इस अमानवीय हिंसा के दोषी है उनको कठोरतम सजा दिलवाई जाये। बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र संघ का एक स्थायी कमीशन नियुक्त किया जाए, जो वहां हिंदुओं की सुरक्षा के बारे में लगातार जानकारी लेता रहे।


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