इजरायल की पाठ्यपुस्तकों में भारतीय सैनिकों की सराहना
अपने ही देश में अनजाने बने रहे कुछ भारतीय सैनिकों के नाम पर उत्तरी इज़रायल में हाइफा में घरों के नाम रखे जाते हैं। 1918 में इस शहर को मुक्त करवाने में उनके योगदान को इज़रायल के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया गया है। हाइफा नगर पालिका ने भारतीय सैनिकों के बलिदान को अमर करने में कुछ कदम उठाये हैं। भारतीय सैनिकों की वीरता और साहस की कहानियों को इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया गया है। हाइफा के उप महापौर Hedva Almog ने भारतीय शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित लोगों को बताया कि हाइफा नगर पालिका का यह कदम शहर के इतिहास और विरासत को संरक्षित रखने के प्रयासों का एक हिस्सा है।
हाइफा ऐतिहासिक संस्था (हाइफा हिस्टोरिकल सोसायटी) ने भारतीय सेना की भूमिका पर गहन शोध किया है। इसके निष्कर्षों के अनुसार – “प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। इज़रायल भर में कब्रिस्तानों में करीब 900 भारतीयों का अंतिम संस्कार किया गया है।
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