सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 17
मात्र 19 वर्ष की आयु में शहीद हो गए थे, जिन्हें सरदार भगत सिंह अपना गुरु मानते थे…।
भारतीय इतिहास का एक कड़वा सच यह भी है कि भारत पर विदेशी आक्रमण के समय और भारत पर विदेशियों के शासन के समय बहुत से भारतीय ही उनकी सहायता करते थे।
यदि ऐसा न हुआ होता तो संभवत: भारत पर कभी विदेशियों का अधिकार ही न हुआ होता। ऐसे स्वाभिमान शून्य, घर के भेदी, देशद्रोहियों के कारण ही हमारे देश को सैंकड़ों वर्षों की दासता सहन करनी पड़ी।
ऐसे ही किसी देशद्रोही भारतीय ने गदर पार्टी के विद्रोह की योजना को अंग्रेजी सरकार के कानों तक पहुँचा दिया। अंग्रेजों ने तुरंत हरकत में आते हुए गदर पार्टी के अनेक सदस्यों और नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इन गिरफ्तार हुए लोगों में करतार सिंह सराभा भी थे।
विदेशों से लौट रहे गदर पार्टी के सैकड़ों सदस्यों को पुलिस ने बंदरगाहों पर ही गिरफ्तार कर लिया।
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