गांव-गांव ढाणी-ढाणी गूंज रहा ‘18 जून उदयपुर चलो’
-घर-घर पहुंच रहे पत्रक, हर घर से मिल रहा सहयोग
उदयपुर, 06 जून। जनजाति सुरक्षा मंच के आह्वान पर 18 जून को उदयपुर शहर में होने जा रही जनजाति समाज बंधुओं की डी-लिस्टिग महारैली को लेकर ‘18 जून उदयपुर चलो’ का नारा गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में गूंज रहा है। जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ता घर-घर महारैली के पत्रक पहुंचा रहे हैं और हर घर से महारैली के लिए कण से मण तक का सहयोग मिल रहा है।
डी-लिस्टिंग महारैली के संयोजक नारायण गमेती ने बताया कि महारैली को लेकर जहां एक ओर गांव-गांव में कार्यकर्ता घर-घर जाकर पत्रक बांट रहे हैं और महारैली में आने का आह्वान कर रहे हैं, वहीं उदयपुर सहित विभिन्न स्थानों पर विभिन्न तैयारियों के मद्देजनर कार्यकर्ताओं की बैठकों का दौर भी जारी है। मंगलवार को उदयपुर में हुई कार्यकर्ताओं की बैठक में 18 जून को राजस्थान भर से आने वाले जनजाति बंधु-बांधवों के आगमन से प्रस्थान तक की भोजन-पानी आदि सुविधाओं की व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा हुई। विभिन्न मार्गों से आने वाले वाहनों की पार्किंग आदि को लेकर भी मंथन किया गया और व्यवस्थाओं को सशक्त करने की बात कही गई ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।

बैठक में जनजाति सुरक्षा मंच के मार्गदर्शक और सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सहाय ने बताया कि डी-लिस्टिंग महारैली जनजाति समाज के हक और उनकी संस्कृति को बचाने के लिए आहूत की जा रही है। इस महारैली के माध्यम से यह मांग उठाई जाएगी कि जनजाति समाज के जिस व्यक्ति ने अपना धर्म बदल लिया है, उसे एसटी के नाते प्रदत्त सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। जब अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए संविधान में यह नियम लागू है तो अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए भी यह प्रावधान संविधान में जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म बदलने वाले अपनी चतुराई से दोहरा लाभ उठा रहे हैं, जबकि मूल आदिवासी अपनी ही मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है।
डी-लिस्टिंग महारैली के सहसंयोजक भैरूलाल मीणा ने बताया कि राजस्थान के सभी जनजाति बहुल क्षेत्रों में डी-लिस्टिंग महारैली को लेकर सम्पर्क अभियान जोरों पर है। इसके साथ ही, महारैली में सभी के सहयोग की भावना से घर-घर से सहयोग लिया जा रहा है। हर परिवार इस डी-लिस्टिंग महारैली के महत्व को समझते हुए अपनी क्षमतानुसार सहयोग प्रदान कर रहा है। ढाणियों में बसे जनजाति परिवारों से भी सहयोग प्राप्त हो रहा है।
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