तेजस्विनी महिला जागृति मंच द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन
तेजस्विनी महिला जागृति मंच द्वारा कल पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों के विरोध में जिला कलेक्टर महोदय को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया।
सुशीला पारीक ने बताया कि यह घटनाएँ निरन्तर हो रही थी। जो करीबन 50 दिन पूर्व, ई.डी. के अधिकारियों पर हमला होने के बाद और शाहजहां शेख के फरार होने के बाद ही सामने आ सकी। राजनीति और धार्मिक कारणो से प्रेरित ये कृत्य पुलिस प्रशासन एवं पश्चिम बंगाल की सरकार की नाकामी को उजागर करते हैं। बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्वक व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मारपीट की अनेकों घटनाएँ लगातार निकल कर सामने आ रही है। अपराधियों द्वारा जमीन हड़पने के कितने ही मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। इन घटनाओं से पश्चिम बंगाल की महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा की चिन्ताजनक स्थिति सामने आई है।
ज्ञापन में इन अमानवीय घटनाओं की घोर निन्दा एवं विरोध किया गया है और मांग की गई है कि पश्चिम बंगाल में हो रहे इन कृत्यों के लिए दोषियों पर तुरन्त कार्यवाही की जाये और सभी दोषियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करके जल्दगति न्यायालय (फास्ट ट्रेक कोर्ट) में मुकदमा चलाकर शीघ्र न्याय दिया जाये । साथ ही सभी पीड़ित महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों को सुरक्षा एवं आर्थिक सुरक्षा तुरन्त प्रदान की जाये और केन्द्रीय गृह मंत्रालय तुरन्त ही इन सभी घटनाओं का संज्ञान लेकर भारतीय संविधान एवं अन्य कानूनों के तहत उपयुक्त कार्यवाही करे ।
इस दौरान सुशीला जाट, कीर्ति सोलंकी, मनीषा जाजू, सुषमा विश्नोई, अर्पिता दाधीच, खुशबू शुक्ला, सोनल ओझा, स्नेहा बाहेती, पल्लवी लढ़ा, सुमित्रा हुरकट, मंजू पालीवाल, विजया सुराणा, अंजना तोषनीवाल आदि उपस्थित थी। इनके साथ ही लघु उद्योग भारती, वनवासी कल्याण परिषद्, शिक्षक संघ राष्ट्रीय, सहकार भारती, सेवा भारती, तेरापंथ महिला मंडल, भाजपा महिला मोर्चा की महिलाओं ने भी ज्ञापन दिए।
