सदियों तक चली घुसपैठी आक्रमणकारियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध की गाथा:- 11
नायकी देवी-2
गुजरात की चालुक्य रानी जिन्होंने मोहम्मद गोरी को सन् 1178 में युद्ध में हराया…
उस समय मुइज्जउद्दीन मोहम्मद गोरी, जिसे कि मोहम्मद गोरी के नाम से भी जाना जाता है, गुरीद सल्तनत का सुल्तान था। गुरीद लोग असल में बौद्ध थे, परंतु महमूद गजनी के द्वारा सन् 1011 ई में गोर की विजय के पश्चात् मुस्लिम बन गए थे।
मोहम्मद गोरी अपने भाई ग्यातउद्दीन मोहम्मद के साथ मिलकर गोर पर शासन करता था।
यह मुस्लिम आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी ही था जिसने भारत में मुस्लिम शासन की नींव रखी थी।
मोहम्मद गोरी ने 1175 ई में मुल्तान पर कब्जा कर लिया था। उसने भारत के वैभव और समृद्धि के बारे में बहुत सुना हुआ था, इसलिए वह भारत पर आक्रमण की योजना बनाने लगा और भारत पर आक्रमण की तैयारी आरम्भ कर दी।
अपने भाई और सरदारों के साथ मिलकर उसने एक बड़ी फौज एकत्रित की और फिर मुल्तान से एक बड़ी सेना लेकर वह पाकिस्तानी पंजाब के उछ के रास्ते से होता हुआ रेगिस्तान को पार करके अनहिलवाड़ा की ओर बढ़ने लगा। यह सन् 1178 ई की बात है।
पारसी इतिहासकार ‘मिनहाज-ए-सिराज’ ने लिखा है कि-
“कैसे एक बड़ी फौज लेकर मोहम्मद गोरी मुल्तान और उछ के रास्ते से रेगिस्तान से होता हुआ चालुक्यों की राजधानी अनहिलवाड़ा की ओर बढ़ा। वह जानता था कि चालुक्यों का राजा एक बालक है और इसीलिए उसे अपनी जीत का विश्वास था…।”
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