Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog आध्यात्म सबके राम-10 “सत्यसंध पालक श्रुति सेतु”
आध्यात्म श्रुतम्

सबके राम-10 “सत्यसंध पालक श्रुति सेतु”

सबके राम-10 “सत्यसंध पालक श्रुति सेतु”

राम की कथा ‘महादुःख’ और उस पर विजय पाने की कथा है। यह ऐसी यंत्रणा है, जिसे वे स्वयं चुनते हैं। लोक के कल्याण के लिए पत्नी से वंचित, वनवास का संकल्प, साधनहीन युद्ध, भाई का मृत्यु के द्वार तक पहुँचना और राज्याभिषेक के बाद उत्तररामचरित की यंत्रणा। ये सारी यंत्रणाएँ उनके जीवन के सोपान हैं। अवतारी और वीर राम पराजित भी होते हैं।

तुलसी ने राम की करुणा और दुःख को सीमित रखा, परंतु राम के समग्र चरित्र में विषाद की अप्रतिम धारा उन्हें आदर्श के उस सोपान पर पहुँचाती है, जहाँ नियति का निर्माता, विष्णु का अवतार, महायोद्धा राम भी दुःख और पीड़ा भोगता है। मगर सत्य और धर्म से नहीं डिगता। इसलिए राम भारतीय मन के अप्रतिम ‘धीरोदात्त नायक’ हैं

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