नाहरगढ़ अभ्यारण्य के प्रवेश द्वार को अन्यत्र बनाने पर अड़े संत-श्रद्धालु

नाहरगढ़ अभ्यारण्य के प्रवेश द्वार को अन्यत्र बनाने पर अड़े संत-श्रद्धालु
-दस दिन में मांग नहीं माने पर दी विधानसभा घेराव की चेतावनी

जयपुर। विद्याधरनगर के पापड़वाले हनुमान जी मंदिर के पास वन विभाग की ओर से बनाए जा रहे नाहरगढ़ अभ्यारण्य(मायलाबाग) के प्रवेश द्वार को अन्यत्र बनाने अथवा पापड़ेश्वर महादेव मंदिर तक श्रद्धालुओं की निर्बाध आवाजाही के लिए अलग से मार्ग बनाने की मांग को लेकर मंगलवार को पापड़वाले हनुमानजी मंदिर में महंत रामसेवकदास महाराज के सान्निध्य में धर्म सभा का आयोजन किया गया। त्रिवेणी पीठाधीश्वर खोजीचार्य रामरिछपालदास महाराज, अग्र पीठाधीश्वर डॉ. राघवाचार्य महाराज ने एक स्वर में कहा कि वन विभाग ढाई हजार से अधिक प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं को जाने से रोक रहा है। यह हिंदू आस्था पर आघात है, इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. गोपाल शर्मा ने कहा श्रद्धालुओं को मंदिर तक जाने से रोकना पूरी तरह गलत है। सरिस्का और रणथम्भोर अभ्यारण में भी मंदिर है लेकिन वहां तक श्रद्धालुओं को आने जाने में किसी तरह की रोक टोक नहीं है। वन विभाग को हठधर्मिता छोडक़र भक्तों के लिए एक अलग से रास्ता देना चाहिए। भक्तों के अभ्यारण्य में जाने से अभ्यारण्य की ही शोभा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार के स्तर पर वार्ता कर कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा।

हीरापुरी महाराज, हरिशंकरदास वेदांती, बाहुबलदेवाचार्य बलदेवदास महाराज, अरणिया धाम के हरिदास महाराज, श्री रामानंदापीठाधीश्वर प्रहलाददास महाराज, योगीराज रघुनंदनदास महाराज, चेतराम शरण, हरिदास, रामसेवकदास, ईश्वरदास, रामचरितदास, मनु महाराज सहित अन्य संतों ने एक स्वर में घोषणा की कि यदि दस दिन में मांगें नहीं मानी गई तो प्रदेश के संत समाज को साथ लेकर विधानसभा कूच करेंगे। मंदिर बचाओ-सनातन बचाओ के आह्वान पर हजारों की संख्या में पापड़ वाले हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं ने जय श्री राम के जयकारों से माहौल का गुंजायमान कर दिया। संत प्रकाशदास महाराज ने देशभक्ति गीतों और भजनों से वातावरण में जोश भर दिया।  इसके बाद सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।

हेमंत सेठिया ने आगामी कार्य योजना पर प्रकाश डाला। कि मौके पर स्थानीय विधायक नरपत सिंह राजवी ने अभयारण्य का मुख्य द्वार अन्यत्र बनाने अथवा मंदिर में श्रद्धालुओं को जाने के लिए अलग से रास्ता सुनिश्चित करने की मांग करते हुए वन विभाग के अधिकारियों को लिखा पत्र संत समाज को सोपा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *