सनातन का विचार ही भारत का विचार है निंबाराम
सनातन शाश्वत है,अजय है , सभ्यताएं बदलती हैं संस्कृति नहीं — निंबाराम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अजयमेरु महानगर और श्री माधव स्मृति सेवा प्रन्यास अजमेर के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को एक प्रबुद्धजन गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर के सभागार में आयोजित गोष्ठी में मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने कहा कि आरएसएस का कार्य समाज के सहयोग सेे बढ़ रहा है । आज संघ अपने 100 वें वर्ष प्रवेश करने जा रहा है ।
संघ का यह मानना है कि समाज के सभी वर्ग एक साथ मिलकर चलेंगे तो देश का विकास होगा और देश पुनः विश्वगुरु बनेगा ।
यह स्थापित सत्य है कि भारत के राजाओं ने कभी भी विदेशों पर हमला नहीं किया , हां यह जरूर है कि जब अपने देश पर हमला हुआ तो उसका प्रतिकार सशक्त रूप से किया ।
आज यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि यह राष्ट्र की जो परिकल्पना है , वह अंग्रेजों की देन है । क्या इस संघर्षपूर्ण 1000 वर्ष के कालखंड से पूर्व भारत नहीं था ? क्या 1947 के बाद ही यह देश बना , यह प्रचारित कर हमारे समाज को भ्रमित किया जा रहा है । निंबाराम ने अपने उद्बोधन में बोलते हुए कहा कि आज विश्व पटेल पर भारत का एक अलग परिदृश्य है । विकसित भारत के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है । स्वराज , स्वधर्म, स्व-तंत्र की स्थापना से ही भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा ।
पंच परिवर्तन के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम प्रकृति के साथ समभाव बनाएं , हमारे द्वारा प्रकृति का शोषण नहीं करना चाहिए ।
जितनी मेरी आवश्यकता है , उतना ही प्रकृति से लेना । जल , पेड़ , प्लास्टिक से मुक्ति के ऐसे उपाय करना चाहिए जिससे प्रकृति को कोई नुकसान न हो ।कुंभ में संघ द्वारा एक अभियान चलाया गया “एक थाली और एक थैला” । जिससे हम इतने बड़े आयोजन में प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचे सके हैं ।
कार्यक्रम की शुरुआत में भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलित किया गया। चित्तौड़ प्रांत के संघचालक जगदीश सिंह राणा, विभाग संघचालक मुकेश अग्रवाल भी उपस्थिति रहे । श्री माधव सेवा प्रन्यास के मंत्री खाजूलाल चौहान ने आभार व्यक्त किया ।






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