श्री रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा- ‘जब मैंने मूर्ति बनाई तब वो अलग थी। गर्भगृह में जाने के बाद और प्राण-प्रतिष्ठा के बाद वो अलग हो गई। मैंने प्रभु को देखा तो लगा ये तो मेरा काम है ही नहीं। अंदर जाते ही उनकी आभा बदल गई। मैं उसे अब दोबारा नहीं बना सकता।’
