आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा-10
गाँधीजी के विद्यार्थी श्री धर्मपाल जी ने ‘द ब्यूटीफूल ट्री'(The Beautiful Tree) नामक पुस्तक लिखी है, उसका मुख्य विषय ही यही है कि अंग्रेजों के भारत आने से पूर्व यहां शिक्षा की व्यवस्था कैसी थी ?
यह दुर्भाग्य है कि विश्वगुरु भारत अशिक्षित भारत में बदल गया। शिक्षा के क्षेत्र में कभी कोई भारत के समक्ष नहीं था। यहाँ विश्व को आकर्षित करने वाले शिक्षा के अनेक केंद्र थे। लेकिन 700-800 वर्षों के परकीय आक्रमणों से संघर्ष और पराधीनता के कालखंड में भारत एक अशिक्षित देश में बदल गया।
सन् 1901 की जनगणना में भारत की साक्षरता केवल 10 प्रतिशत रह गई। 11वीं शताब्दी के भारत और 19वीं शताब्दी के भारत में बहुत अंतर है। यह अध्ययन का विषय है कि ऐसा कैसे हो गया ? हम क्या थे और क्या हो गए।
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त भी अपने काव्य ‘भारत भारती’ में इसी बात का ध्यान दिलाते हैं। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या सांस्कृतिक क्षेत्र हो, उद्योगों का क्षेत्र हो या व्यापार का क्षेत्र हो, अर्थव्यवस्था हो या स्थापत्य हो, कुछ भी हो- हम क्या थे, और क्या हो गए…। हमें आगे क्या करना है, इस पर विचार-विमर्श व चर्चा होनी चाहिए।
Leave feedback about this