Welcome to Vishwa Samvad Kendra, Chittor Blog श्रुतम् आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा-8
श्रुतम्

आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा-8

आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा-8

भारत केवल कृषि प्रधान ही नहीं, उद्योग प्रधान देश भी था। भारत इस्पात का निर्यात करता था। बड़े-बड़े समुद्री जहाजों, शिल्पकला की वस्तुओं, कालीन, सिल्क व सूती कपड़ों, सौंदर्य प्रसाधनों, सुगंधित व खाद्य तेलों का निर्यात करता था। लकड़ी के सामान व मसालों का निर्यात करता था। ऐसी कोई वस्तु नहीं थी, जिसका भारत निर्यात नहीं करता था।

भारत केवल और केवल सोने-चाँदी का आयात करता था। भारत दुनियां भर में शिक्षा के क्षेत्र में संपन्न था। भारत हर उद्योग में संपन्न था। ऐसे भारत को अंग्रेजों ने कैसा बनाकर छोड़ दिया ? विचारणीय है।

रोम के पुलिनी नामक एक लेखक ने अपनी पुस्तक ‘हिस्टोरिया नेचुरी’ में लिखा है कि “रोम के लोग भारत की वस्तुओं के इतने दीवाने हो गए हैं कि रोम से प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में स्वर्ण मुद्राएँ हमको भारत भेजनी पड़ती हैं।”

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