उदयपुर में ठाकुर जी के श्री चरणों में स्वयंसेवको का घोष वादन

ठाकुर जी के श्री चरणों में स्वयंसेवको का घोष वादन

– संघ के घोष वादको का त्रिवेणी संगम

– संचलन मार्ग में देशभक्ति का ज्वार उमड़ा

उदयपुर। जहां एक ओर उदयपुर शहर के वासी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हर घर तिरंगा लहरा रहे थे, स्कूली बच्चे विद्यालय में देशभक्ति से ओत प्रोत गीतों का आनंद ले रहे थे, वही दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घोष विभाग के घोष वादको ने भी अपने वाद्य यंत्रों पर स्वर लहरियों के माध्यम से जगदीश चौक स्थित श्री जगदीश मंदिर के समक्ष घोष वादन किया।

महानगर कार्यवाह विष्णु शंकर नागदा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घोष विभाग की ओर से शहर के तीन स्थानों से घोष संचलन प्रारंभ हुआ। प्रथम घोष  संचलन चांदपोल पार्किंग स्थल से, दूसरा घोष संचलन मोती चौहट्टा  डाकघर से और तीसरा घोष संचलन ऊटो का कारखाना भटियानी चौहट्टा से शाम ठीक 5 बजे प्रारंभ हुआ। तीनों घोष संचलन का त्रिवेणी
संगम 5 बजकर 5 मिनट 45 सेकंड पर जगदीश चौक मंदिर प्रांगण में हुआ। संघ की पूर्ण गणवेश में शामिल घोष वादक अपने सधे हुए कदमों से कदमताल करते हुए घोष वादन करते हुए आगे बढ़ रहे थे।

जगदीश चौक स्थित श्री जगदीश मंदिर के सामने 38 मिनट तक स्थिर वादन किया। घोष वादकों ने आणक वाद्य यंत्र पर श्रीराम, किरण, उदय, सोनभद्र, चेतक, मेवाड़, पहाड़ी रचना का, वेणु वाद्य यंत्र पर भूप, मीरा, शिवरंजनी, पहाड़ी, हंस ध्वनि, तिलंग रचना,शंख (बिगुल)वाद्य यंत्र पर किरण, श्रीराम, उदय, सोनभद्र, चेतक और मेवाड़ रचना का वादन किया। इसमें विशेष उपलब्धि यह रही कि उदयपुर में शंख (बिगुल) पर मेवाड़ रचना का पहली बार तथा वेणु पर हंस ध्वनि का वादन भी पहली बार हुआ।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर समस्त घोष वादको एवं उपस्थित जनों ने सामूहिक राष्ट्रगान का गायन किया। घोष संचलन के दौरान 158 घोष वादकों नेे भाग लिया तथा 40 स्वयंसेवक व्यवस्था में रहे।

इस अवसर पर उदयपुर विभाग संघचालक हेमेंद्र श्रीमाली एवं विभाग प्रचारक आनंद प्रताप भी उपस्थित रहे।

घोष वादन निर्देशन प्रतिक नागर ने तथा संचालन महानगर घोष प्रमुख आशीष शर्मा ने किया।

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